इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों के लिए लागू अंतरजनपदीय तबादला नीति में आठ जिलों को शामिल न करने पर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है। इन जिलों को अति पिछड़ा मानते हुए यहां तैनात शिक्षकों पर तबादला नीति लागू न करने के निर्णय को याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई है। रंजना सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर जस्टिस एसपी केसरवानी सुनवाई कर रहे हैं। याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई होगी।
याचिकाओं में कहा गया कि सरकार ने 13 जून 2018 को अंतरजनपदीय तबादले का परिणाम घोषित किया। इसी दिन एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि सिद्धार्थनगर, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, श्रावस्ती, चित्रकूट और बलरामपुर से किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा। अगर कोई शिक्षक इन जिलों में आना चाहता है तो उसका स्थानांतरण कर दिया जाएगा। याचियों की ओर से कहा गया है कि स्थानांतरण नीति जून-2017 में जारी की गई थी। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था जबकि सरकार का आदेश 13 जून 2018 को आया है। ऐसे में यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, क्योंकि वे आदेश आने से पहले आवेदन कर चुके हैं। कोर्ट ने यह जानना चाहा है कि 13 जून का आदेश क्या किसी नीति के तहत जारी किया गया या इसके लिए कोई वैधानिक नियम है।
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तबादलों में आठ जिलों को शामिल क्यों नहीं किया, अंतरजनपदीय शिक्षक तबादले पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब