बेसिक शिक्षा के वित्त नियंत्रक पर 25 हजार का जुर्माना

 प्रयागराज : सूचना के अधिकार के तहत जानकारी न देना बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक को भारी पड़ गया। उनपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। शिक्षक नेता ब्रजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद के तहत कार्य करने वाले परिचारकों के लिए एसीपी की व्यवस्था संबंधी शासनादेश की मांग की थी।

शिक्षकों को 17140 रुपये मूलवेतन संबंधी 09 जून 2014 के आदेश में उल्लेख किये गए संगठनों के सहमति (जिसके उपरांत उक्त लाभ के लिए 01 दिसम्बर 2008 की समय सीमा नियत कर दी गयी थी) संबंधी दस्तावेज की प्रति भी उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया था। वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने उसे उपलब्ध नहीं कराया। इसके लिए दस फरवरी 2021 को इस प्रकरण पर 25 हजार रुपये का जुर्माना गया गया था। मामले के वादी ब्रजेंद्र सिंह ने निवेदन किया कि प्रदेश स्तर के कार्यालय का प्रकरण होने के कारण एक मौका और दिया जाय। उनका लक्ष्य जुर्माना नहीं बल्कि शासनादेश व प्रपत्र हासिल करना है। इस पर चार अगस्त 2021 तक का समय दिया गया था। उस दिन तक मांगी गई सूचना न देने पर विभागीय कार्यवाही का आदेश पारित हुआ था। चार अगस्त 2021 को भी न देने और सुनवाई में उपस्थित न होने के कारण सुनवाई के दौरान 25 हजार रुपये के जुर्माना को यथावत रखते हुए विभागीय कार्यवाही की संस्तुति का आदेश सूचना आयुक्त की तरफ से दिया गया था। सुनवाई के बाद आदेश की प्रतियां बुधवार को प्राप्त हुईं। शिक्षक नेता ने बताया कि उक्त प्रतियां भूलवश आयोग द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज कार्यालय को चली गईं थी। उसे बीएसए प्रयागराज द्वारा वित्त नियंत्रक को भेज दी गई हैं।