जानिए ‘विद्यांजलि 2.0 पोर्टल’ :- इसमें हमारे समाज को, हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है: पीएम मोदी



देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक platform की तरह है।
इसमें हमारे समाज को, हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है: PM



विद्यांजलि 2.0 पोर्टल के बारे में
  • प्रधानमंत्री ने ‘शिक्षक पर्व’ के उद्घाटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए विद्यांजलि 2.0 पोर्टल का शुभारंभ किया। स्कूलों में गुणवत्ता और सतत् सुधारों के नवीन तरीकों को प्रोत्साहित करने के लिये 5-17 सितंबर तक शिक्षा पर्व का आयोजन किया जा रहा है।
  • यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा सामुदायिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से देश भर के स्कूलों को मज़बूत करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई एक पहल है। यह पहल भारतीय डायस्पोरा के विभिन्न स्वयंसेवकों, युवा पेशेवरों, स्कूल के पूर्व छात्रों, सेवारत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों, सरकारी अधिकारियों, पेशेवरों तथा कई अन्य लोगों को स्कूलों के साथ जोड़ने का कार्य करेगी।
  • विद्यांजलि के तहत दो कार्यक्षेत्र; स्कूल सेवा/ गतिविधि में भाग लेना तथा संपत्ति/सामग्री/उपकरण शामिल हैं, जिसके माध्यम से स्वयंसेवक सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को समर्थन प्रदान कर और मज़बूत बना सकते हैं।
  • विद्यांजलि 2.0 शब्द का उद्भव दो शब्दों से हुआ है: संस्कृत भाषा में विद्या शब्द का अर्थ ‘सही ज्ञान’ या 'स्पष्टता’ तथा अंजलि का अर्थ ‘दोनों हाथों से भेंट देना’ है। यह पहल ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ-साथ सबका प्रयास, संकल्प को एक मंच प्रदान करेगी।
  • इस दौरान भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोष, दृष्टिहीनों के लिये श्रव्य योग्य किताबें जैसी अन्य पहलों का भी शुभारंभ किया गया,जिसमें सी.बी.एस.ई. का स्कूल गुणवत्ता आश्वासन एवं मूल्यांकन ढाँचा तथा निपुण भारत के लिये ‘निष्ठा’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।