23 August 2022

आपराधिक मामला लंबित होने पर प्रोन्नति से नहीं कर सकते इन्कार


प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि सरकारी सेवक की पदोन्नति को सिर्फ आपराधिक केस लंबित होने के आधार पर अनिश्चितकाल के लिए रोके रखना अनुचित है। कहा, आपराधिक केस लंबित होने के कारण सरकारी सेवक को उसके प्रमोशन से इन्कार नहीं किया जा सकता। यह निर्णय न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने पुलिस कांस्टेबल नीरज कुमार पांडेय की याचिका निस्तारित करते हुए दिया है।



याचिका में डीआइजी / एसपी स्थापना, डीजीपी मुख्यालय लखनऊ द्वारा पहली जनवरी 2021 को जारी हेड कांस्टेबल पदोन्नति सूची में याची के प्रमोशन को सील कवर में रखने को चुनौती देते हुए उसे खोलने की मांग की गई थी। याची के विरुद्ध आपराधिक केस लंबित होने के चलते उसका प्रमोशन सील कवर में रखा गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि याची को आपराधिक केस के चलते यूपी पुलिस आफिसर आफ सबार्डिनेट रैंक (पनिशमेंट एंड अपील रूल्स) नियम के तहत बर्खास्त कर दिया गया था। हाई कोर्ट के आदेश से उसे सेवा में बहाल किया गया और वह विभाग में निरंतर कार्यरत रहा है। तर्क दिया गया कि जब आपराधिक केस के आधार पर की गई बर्खास्तगी को हाई कोर्ट ने रद कर बहाली का आदेश दिया तो पुनः उसी आधार पर प्रमोशन देने से इन्कार करना अवैधानिक है।