परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पढ़ने के साथ ही खेती-किसानी के गुर भी सीखेंगे


खुद की उगाई सब्जी खाएंगे बच्चे


महोबा। परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पढ़ने के साथ ही खेती-किसानी के गुर भी सीखेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में किचिन गार्डन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही बच्चे खुद की उगाई हुई सब्जियां स्कूल में बनने वाले मध्यान्ह भोजन में खाएंगे। इसको लेकर बजट जारी कर दिया गया है।



सरकारी स्कूलों के बदलाव की कवायद के बीच जिले के परिषदीय स्कूलों में अब किचिन गार्डन बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत जिले के 50 स्कूलों का चयन किया गया है। जिन स्कूलों में खेल के मैदान के साथ ही बड़ा परिसर मौजूद है, उन स्कूलों के खाली पड़े मैदान का प्रयोग इस योजना में किया जाएगा। विभाग ने इन स्कूलों के एमडीएम खातों में पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि भेजी है। इस धनराशि से विभिन्न मौसमी सब्जियों के बीज, पौध आदि खरीदे जाएंगे। इसके साथ ही जैविक खादों का प्रयोग करते हुए सब्जियां उगाई जाएंगी। स्कूल स्तर पर ही नियमित सिंचाई की व्यवस्था होगी।


इस योजना के तहत जिन स्कूलों का चयन किया गया है, उनमें पर्याप्त जगह के साथ चहारदिवारी का होना जरूरी है। योजना में प्राथमिक विद्यालय तिंदौली, प्राथमिक विद्यालय बीला दक्षिण, कालीपहाड़ी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुप्ता खोड़ा समेत 50 विद्यालयों का प्रथम चरण में चयन किया गया है।
इस योजना के तहत स्कूली बच्चे मेहनत करके शिक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन में किचिन गार्डन की देखभाल करेंगे। वे इन गार्डन में काम करते हुए खेती-किसानी के गुर भी सीखेंगे। इस गार्डन में उगने वाली ताजी और हरी सब्जियों का उपयोग स्कूलों में तैयार होने वाले मध्यान्ह भोजन में किया जाएगा। इस तरह से बच्चों को दोपहर के भोजन में अच्छी गुणवत्ता का भोजन मिलेगा।


विद्यालयों में किचिन गार्डन तैयार करने के लिए एमडीएम खातों में धनराशि भेजी गई है। शिक्षिकों को विद्यालय के मैदान में मौसमी सब्जियां उगाने के निर्देश दिए गए हैं। एक माह के अंदर किचिन गार्डन तैयार करा दिए जाएंगे।
-अजय कुमार मिश्रा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी