अब एकल अभिभावक अफसरों को भी दो वर्ष का मिलेगा बाल्य देखभाल अवकाश, इस तरह छुट्टी का प्रस्ताव


लखनऊ। एकल अभिभावक की जिम्मेदारी निभा रहे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (आईएएस, आईपीएस व आईएफएस) को भी दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) सुविधा देने का प्रस्ताव है। हालांकि प्रोबेशन अवधि में यह सुविधा न देने की योजना है। केंद्र सरकार ने इन प्रस्तावों पर राज्यों की राय मांगी है।


उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। केंद्रीय कर्मचारियों को इस तरह की सुविधा पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि बाल्य देखभाल अवकाश की मौजूदा व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित हैं। केंद्र सरकार इसके लिए अखिल भारतीय सेवा अवकाश नियम 1955 में संशोधन करने जा रही है। प्रस्तावित संशोधन पर गत फरवरी में राज्यों की राय व सुझाव मांगे गए थे। यूपी सरकार ने रूल में प्रस्तावित सभी पांच संशोधनों पर सहमति दे दी है। अब केंद्र आगे की कार्यवाही करेगी।

पुरुष अभिभावक को अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा के रूप में शामिल किया गया है। 18 वर्ष तक के दो बच्चों की पढ़ाई या बीमारी जैसी स्थितियों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस छुट्टी का दुरुपयोग बढ़ गया था। प्रस्तावित बदलाव से इसके अनावश्यक उपयोग को हतोत्साहित किया जा सकेगा।
इस तरह छुट्टी का प्रस्ताव
👉वर्तमान में छुट्टी के दिनों का पूरा वेतन मिलता है। अब पहले के 365 दिनों के लिए 100% जबकि बाकी 365 दिन की छुट्टियों के दौरान 80% वेतन देने का प्रस्ताव है।

👉वर्तमान में यह छुट्टी एक से अधिक कितने भी टुकड़ों में ली जा सकती है। अब एक कैलेंडर वर्ष में तीन बार से अधिक के लिए स्वीकृत नहीं की जाएगी। हालांकि महिला सदस्य के मामले में एक कैलेंडर वर्ष में छह बार तक के लिए स्वीकृत की जा सकेगी। यह छुट्टी एक बार में पांच दिनों से कम अवधि के लिए नहीं दी जा सकेगी।

■ वर्तमान में सेवा में आने वाले किसी भी अधिकारी को यह छुट्टी दी जा सकती है। मगर प्रस्ताव है कि यह छुट्टी प्रोबेशन (नियुक्ति के बाद सेवा में स्थायी होने तक) अवधि के दौरान स्वीकृत न की जाए। हालांकि छुट्टी स्वीकर्ता अधिकारी बेहद अपरिहार्य परिस्थितियों में यह छुट्टी न्यूनतम अवधि में स्वीकृत कर सकेगा.


■ वाल्य देखभाल अवकाश के लिए छुट्टी का एक अलग अकाउंट बनाया जाएगा। इसे अधिकारी के छुट्टी अकाउंट से नहीं काटा जाएगा।

केंद्र सरकार ने बाल्य देखभाल अवकाश संबंधी नियमों में संशोधन को लेकर राय मांगी थी। इसे सहमति के साथ केंद्र को भेज दिया गया है।
देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव,नियुक्ति एवं कार्मिक