स्कूल में वीडियो कॉल से निगरानी पर शिक्षकों में रोष


धामपुर बेसिक स्कूलों में वीडियो कॉलिंग कर शिक्षकों की निगरानी का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन इसको लेकर शिक्षकों में रोष है। इसमें भी महिला शिक्षिकाएं इससे ज्यादा नाराज दिखीं, इस पर उनकी तीखी प्रतिक्रियाएं भी मिल रही हैं। हालांकि, शिक्षा विभाग के अधिकारी इस माघ्यम को बेहतरी की तरफ एक कदम होने का दावा कर रहे हैं।



दरअसल, दो दिन पहले शिक्षा विभाग की ओर से एक नया नियम लागू किया गया है। इसके मुताबिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों को किसी भी समय वीडियो कॉल की जा सकती है। इसका मकसद है कि शिक्षक समय सारिणी के अनुसार बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं या नहीं, साथ ही अन्य एक्टिविटी की निगरानी करना भी इस नियम का मूल उद्देश्य है।


इस निगरानी हेतु मूल्यांकन प्रकोष्ठ भी गठित कर दिया गयाहै। वहीं, इस नए नियम को लेकर खासकर शिक्षिकाओं ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी है। एक शिक्षिका ने कहा कि ये उनकी निजता के कानून का उल्लंघन है। इस नियम के तहत उनके निजि नंबरों पर कोई कॉल कैसे कर सकता है। एक अन्य शिक्षिका ने कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाएं पूरा समय कक्षा में ही रहते हैं। उनके निजि पल भी होते हैं, कई बार वे छुट्टी पर होते हैं, इस दौरान अगर कॉल आ जाए तो कॉल कैसे उठाएं जबकि नियम में अनिवार्य रूप से कॉल उठाना शामिल है। ब्लॉक की अधेड़ शिक्षिका कहती हैं कि उनके पास कईं अंजान नंबरों से कॉल आ रही हैं। उनका नंबर आखिर किसी के पास कैसे गया। वीडियो कॉल करना एक महिला के लिए कितना उचित है, जबकि एक शिक्षक इस फैसले को मानसिक शोषण से जोड़कर देखते हैं। बीइओ कैलाश कुमार कहते हैं कि ये प्रक्रिय विभाग के निर्देशों पर लागू की गई है।