योगी सरकार का फैसला: अब सभी शिक्षकों के चयन को एक आयोग होगा, 5180 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ


यूपी में बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा कालेजों के शिक्षकों का चयन अलग-अलग संस्थाओं के जरिए नहीं होगा। अब इन सबके चयन के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बनेगा। इसके लिए विधानमंडल के मानसून सत्र में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक-2023 लाया जाएगा।


मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 32 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। संबंधित विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी दे दी गई। आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में होगा। इसमें राज्य सरकार द्वारा 12 सदस्यों व एक अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। अध्यक्ष व सदस्य तीन साल के लिए या 65 साल की आयु तक, जो पहले हो तक पद धारण करेंगे।

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि आशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, अशासकीय सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट कालेज के शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड तथा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों एवं संबद्ध प्राइमरी अनुभाग में सहायक अध्यापकों के पदों पर चयन संबंधित प्रबंधतंत्र करते हैं। अब सारे आयोग विघटित करते हुए यह नया आयोग काम करेगा। आयोग का खर्चा सरकार के अनुदान व अपनी आमदनी से चलेगा।


5180 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023 को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शिक्षकों के 5180 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए पिछले साल आवेदन लिए थे। लिखित परीक्षा नहीं हो सकी है। वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के 3539 और प्रवक्ता (पीजीटी) के 624 कुल 4163 पदों पर भर्ती के लिए जून 2022 में आवेदन लिए थे। अब तक परीक्षा तिथि घोषित नहीं हो सकी है।