24 October 2023

निजी कंपनी में शिक्षकों की पेंशन की रकम लगाई: एनपीएस मेें मनमानी से आक्रोश, बाबुओं का खेल

 

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेशित लाखों रुपये बगैर उनकी सहमति के निजी कंपनी में लगा दिए गए। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबुओं के खेल का खुलासा होने के बाद से शिक्षकों में आक्रोश है। पीड़ित शिक्षकों ने एक महीने के अंदर 10 से 15 हजार रुपये का घाटा होने का दावा किया है।



एनपीएस लागू होने के 11 साल बाद काफी लड़ाई लड़ने के बाद शिक्षकों-कर्मचारियों के प्रान नंबर आवंटित करते हुए जिले में मई 2016 से एनपीएस कटौती शुरू हुई। इन्होंने अपनी राशि एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी में क्रमश 33 प्रतिशत, 34 प्रतिशत व 33 प्रतिशत निवेशित करने की सहमति दी थी। सात साल से इसी अनुपात में राशि बाजार में निवेशित की जा रही थी। इनके एनपीएस खाते का लेनदेन डीआईओएस कार्यालय के स्तर से होता है। डीआईओएस ही आहरण एवं वितरण अधिकारी (डीडीओ) होते हैं और उनके माध्यम से ही शिक्षकों के रुपये प्रान खातों में एनएसडीएल को ट्रांसफर होते हैं। किसी शिक्षक या कर्मचारी के रिटायर होने पर डीआईओएस की संस्तुति पर ही भुगतान होता है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक (एकजुट) के प्रदेश आय व्यय निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि पिछले कुछ समय से निजी कंपनी के एजेंट डीआईओएस कार्यालय में सक्रिय हैं। उनके प्रलोभन में बाबुओं ने शिक्षकों-कर्मचारियों से पूछे बगैर उनकी रकम निजी कंपनियों में निवेशित कर दी जो कि वित्तीय अपराध की श्रेणी में आता है। इस हेरफेर के पीड़ित और केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज में शिक्षक योगेश कुमार मिश्र का कहना है कि जब बगैर सहमति के हमारे फंड को एक से दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया जा रहा है तो हमारी रकम किसी और के खाते में भी डाली जा सकती है। इससे साफ है कि हमारा फंड सुरक्षित नहीं है।


इन शिक्षकों के फंड से की गई छेड़छाड़


केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज के शिक्षक योगेश कुमार मिश्र के एनपीएस खाते में एसबीआई फंड स्कीम के तहत आठ सितंबर को 20,67,627 रुपये था। 22 अक्तूबर को निजी कंपनी का नाम आ गया और रकम घटकर 20,61,383 हो गई। श्री कृष्ण इंटर कॉलेज देवनहरी के विनोद कुमार मिश्र की 21.5 लाख से अधिक व राजदेव की 22 लाख से अधिक राशि जबकि ग्राम उद्योग इंटर कॉलेज सरायबंसी के चन्द्रजीत की 17 लाख से अधिक राशि निजी कंपनी में निवेशित कर दी गई। इनके अलावा दर्जनों शिक्षकों की राशि से छेड़छाड़ हुई है।


मेरे कार्यालय स्तर से निवेशित रकम से छेड़छाड़ नहीं हुई है। शिक्षकों-कर्मचारियों के एनपीएस खाते का कस्टोडियन एनएसडीएल है और वहीं से लेनदेन होता है। -पीएन सिंह, डीआईओएस