बेसिक शिक्षकों ने शुरू किया ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का जताया विरोध, शासन का अपने निर्णय से मुकरने का आरोप


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल ही में शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। कुछ जिलों में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया है। साथ ही आदेश वापस न लेने पर एक दिसंबर को प्रदेश के सभी 824 बीईओ ऑफिस पर धरना देने की घोषणा की।

इसी दिन जिला व प्रदेश स्तर के आंदोलन की घोषणा की जाएगी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी, महामंत्री नरेश कौशिक ने शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद को ज्ञापन देकर आदेश को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह उचित व व्यावहारिक नहीं है। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि प्रेरणा एप के संबंध में तीन सितंबर 2019 को तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी की अध्यक्षता में संगठन के साथ बैठक हुई थी।

इसमें संघ एप की कमियों के बारे में बताया था। साथ ही एप को पर्सनल मोबाइल में डाउनलोड करने से इन्कार किया था। बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों ने संगठन को आश्वस्त किया था कि प्रेरणा एप से बेसिक शिक्षकों की उपस्थिति नहीं ली जाएगी।

मगर चार साल बाद शासन उस निर्णय से मुकर कर फिर इसी एप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने का आदेश जारी किया है। इसके खिलाफ शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति, वेतनमान की विसंगति, परस्पर तबादला प्रक्रिया, कैसलेश चिकित्सा सुविधा का लाभ जैसी मांग भी विभाग ने आज तक पूरी नहीं की है। शासनादेश के विरुद्ध शिक्षकों से मिड डे मील बनवाया जा रहा है। उनसे गैर शैक्षणिक कार्य लिया जा रहा है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि नहीं की जा रही है। ज्ञापन देने वालों में डॉ. प्रभाकांत, सुधीर सहगल आदि शामिल थे।