आरओ/एआरओ कमेटी ने शुरू की जांच


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति ने 12 फरवरी को हुई समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक के आरोपों की जांच मंगलवार को ही शुरू कर दी है। हालांकि इस मामले की एसटीएफ जांच को लेकर शासन के फैसले का अभी इंतजार है। चूंकि इसकी मुख्य परीक्षा छह महीने बाद 28 जुलाई को होनी है, इसलिए इस मामले को लेकर आयोग के अधिकारी खासे गंभीर हैं।


जांच समिति के समक्ष पहला सवाल है कि पेपर लीक हुआ भी या नहीं। यदि पेपर लीक हुआ है तो मुख्य परीक्षा पर भी संकट आना तय है। यदि पेपर लीक हुआ तो किस केंद्र से हुआ। केंद्र निर्धारण को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। आयोग तो जिलाधिकारी के स्तर से केंद्रों का निर्धारण करता है लेकिन तमाम जिलों में निजी स्कूलों और डीएम कार्यालय के बाबुओं की साठगांठ से राजकीय और एडेड कॉलेजों को नजरअंदाज करते हुए वित्तविहीन स्कूलों को केंद्र बना दिया जाता है। पेपर लीक के अधिक मामलों में निजी स्कूलों की मिलीभगत के बावजूद मानकविहीन केंद्र निर्धारण होते आ रहे हैं।

गौरतलब है कि 11 फरवरी को आयोजित आरओ/एआरओ परीक्षा की कथित उत्तरकुंजी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 12 फरवरी को आयोग ने इस मामले की एसटीएफ से जांच कराने की सिफारिश शासन से की थी। आयोग ने इस पूरी परीक्षा की जांच के लिए एक आन्तरिक समिति का गठन किया है। आरओ के 334 और एआरओ के 77 कुल 411 पदों के लिए 11 फरवरी को प्रदेश के 58 जिलों में 2387 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा को लेकर बवाल हुआ था। इस परीक्षा के लिए पंजीकृत 1076004 अभ्यर्थियों में से 64 प्रतिशत उपस्थित रहे।


प्रतियोगी छात्रों ने की न्यायिक जांच की मांग

प्रयागराज। आरओ/एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक के आरोपों के बीच प्रतियोगी छात्रों ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। छात्रों का कहना है कि तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया जाए जिसमें एक हाईकोर्ट के वर्तमान जज तथा दो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज हों। सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि 15 दिन के अंदर जांच पूरी हो। एक ई-मेल आईडी/ पोस्ट बॉक्स एड्रेस/ व्हाट्सएप नंबर जारी हो जिस पर पीड़ित अभ्यर्थी शिकायतें भेज सकें। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाए।


एक्स पर ट्रेंड हो रहा, कैंसल आर/एआरओ एग्जाम

प्रयागराज। आरओ/एआरओ परीक्षा में पेपर लीक का दावा कर रहे छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अभियान छेड़ रखा है। हैशटैग आरओ/एआरओ पेपरलीक, यूपीपीएससी वी डिमांड रीएग्जाम और कैंसल आर/एआरओ एग्जाम आदि बुधवार को ट्रेंड करते रहे। वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह की अध्यक्षता में सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्टडी चैनल ने हिस्सा लिया और इस मामले में खुलकर सामने आने की प्रतिबद्धता जाहिर की। प्रतियोगी छात्रों के अतिरिक्त आमजन, अधिवक्ता एवं चयनित ऑफिसर से भी सहयोग मांगा है। प्रतियोगी छात्र 17 फरवरी शनिवार दोपहर 12 बजे आयोग के अधिकारियों से वार्ता के लिए गेट नंबर तीन पर उपस्थित होंगे।