एनपीएस खाते के लिए अप्रैल से दोहरी सुरक्षा, दो चरणों में सत्यापन के बाद ही लॉगइन कर पाएंगे सदस्य


नई दिल्ली। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के खाते में लॉगइन करने की प्रक्रिया में अप्रैल से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके लिए दोहरी सुरक्षा व्यवस्था (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) लागू होगी। इसमें एनपीएस सदस्यों को आधार सत्यापन और मोबाइल पर आए ओटीपी के जरिए लॉगइन करना होगा।



गौरतलब है कि यह नई व्यवस्था एक अप्रैल, 2024 से लागू हो जाएगी। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने हाल ही में टू-फैक्टर ऑथिंटिकेशन को अनिवार्य किया है। नियामक का कहना है कि इससे एनपीएस खाते की सुरक्षा बढ़ेगी।

खाते को सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (सीआरए) सिस्टम के जरिए संचालित किया जाता है। सीआरए सिस्टम एक वेब आधारित प्लेटफॉर्म है, जिसे एनपीएस से संबंधित कामों के लिए तैयार किया गया है।

अभी यह है व्यवस्था

वर्तमान में एनपीएस सदस्यों को खाते में लॉगइन करने के लिए उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है। इनके माध्यम से ही खाते में लॉगइन करने के बाद किसी तरह का बदलाव और निकासी संभव होती है। अभी केंद्र और राज्य सरकारों के नोडल अधिकारी सीआरए सिस्टम में लॉग-इन करने के लिए पासवर्ड आधारित व्यवस्था पर निर्भर हैं। इसे और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए इसे आधार और ओटीपी सत्यापन से जोड़ा जाएगा।


ऐसे बढ़ेगी सुरक्षा 1. लॉगइन पासवर्ड, आधार

सत्यापन और मोबाइल ओटीपी के जरिए आधार ही खाते को संचालित कर पाएंगे। कोई और इसे संचालित नहीं कर पाएगा।

2. लॉगइन प्रक्रिया के दौरान पांच बार गलत पासवर्ड दर्ज करने पर खाता लॉक हो जाएगा। दोबारा शुरू करने के लिए फिर से नया पासवर्ड बनाना होगा।

3. इसके लिए आईपिन के लिए अनुरोध करना होगा या पहले से दर्ज गुप्त सवालों के उत्तर देने की जरूरत पड़ेगी।


अंशधारक ऐसे कर सकेंगे इस्तेमाल

पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए के मुताबिक, नई व्यवस्था के तहत आधार आधारित लॉग-इन सत्यापन को एनपीएस सदस्य के उपयोगकर्ता आईडी से जोड़ा जाएगा। इसके बाद अंशधारक के आधार से जुड़े निर्दिष्ट मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को भी दर्ज करने के बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के खाते में लॉगइन करने की सुविधा मिलेगी