25 May 2024

प्रोजेक्ट अलंकार : उपभोग प्रमाणपत्र के फेर में फंस गई माध्यमिक विद्यालयों की दूसरी किस्त



लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए शासन की ओर से शुरू की गई प्रोजेक्ट अलंकार योजना भी अधर में फंसी हुई है। विभाग ने पहले चरण में प्रदेश के 70 जिलों के 450 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को 98 करोड़ की पहली किस्त जारी की, मगर अधिकारियों की लापरवाही से उपभोग प्रमाणपत्र न मिल


पाने के कारण दूसरी किस्त फंस गई है। बेसिक विद्यालयों की कायाकल्प योजना की सफलता के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पहले चरण में अपने यहां राजकीय माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रोजेक्ट अलंकार योजना की शुरुआत की थी। इसमें जर्जर व पुराने राजकीय विद्यालयों के पुनर्निर्माण व जीर्णोद्धार के लिए शासन की ओर से बजट का प्रावधान किया गया था। खास यह कि इन विद्यालयों को शासन की ओर से पूरा बजट दिया जा रहा है। 2022-23 में इसके तहत 450 विद्यालयों को 98 करोड़ की पहली किस्त जारी की गई थी, किंतु कई बार की बैठकों में निर्देश के बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक व स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक हुए काम का उपभोग प्रमाणपत्र, टास्क फोर्स की जांच रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। 70 में से मात्र 10 जिलों से यह रिपोर्ट मिली है। इसकी वजह से जहां इन विद्यालयों के निर्माण के लिए दूसरी किस्त जारी नहीं हो पा रही है। वहीं इनका निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि शासन ने पुराने व जर्जर हो चुके राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की बाउंड्रीवाल, टाइलीकरण, छत की मरम्मत व अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए इस योजना के तहत बजट स्वीकृत किया था, किंतु स्थानीय स्तर पर हो रही देरी से काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने सभी डीआईओएस को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द उपभोग प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएं ताकि दूसरी किस्त जारी की जा सके। ऐसा न करने पर संबंधित डीआईओएस व मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक का उत्तरदायित्न निर्धारित किया जाएगा