24 August 2024

इस जिले के 800 अनारक्षित शिक्षकों की नौकरी पर छाया संकट, बढ़ी चिंता


हाईकोर्ट के आदेश के बाद 69 हजार भर्ती में चयनित शिक्षकों में खलबली मची हुई है। हाईकोर्ट ने तीन माह के अंदर नए सिरे से पूरी पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया को पूरा करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। इससे लखीमपुर खीरी जनपद के अनारक्षित शिक्षकों में खलबली मच गई है। शिक्षक आपस में तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। कई शिक्षकों को नौकरी जाने का खतरा बना हुआ है।



पूरे जिले में 2500 सीटों पर शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसमें अनारक्षित, ओबीसी, एससी-एसटी सहित अन्य वर्गों के शिक्षकों को शामिल किया गया था। करीब आठ सौ ऐसे अनारक्षित शिक्षक हैं, जिनका चयन साल 2019 की सहायक अध्यापक भर्ती के तहत हुआ था। इसके बाद से शिक्षक अलग-अलग स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।

बताया जाता है कि सूची जारी होने के बाद कुछ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अनेकों याचिकाएं दाखिल करते हुए चयनित सूची को चुनौती दी थी। इसके बाद 13 मार्च 2023 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ओवरलैपिंग रोकते हुए सूची को रिवाइज करने का आदेश जारी किया था।

हाईकोर्ट ने दिया है यह आदेश

हाल ही में हाईकोर्ट ने काफी समय से चल रहे 69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में पुरानी सूची को रद्द करते हुए नई सिरे से सूची जारी करने का आदेश दिया है। शासन तीन महीने के अंदर नई सूची जारी करेगा, जिसमें आरक्षण से सभी अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया जाए।



यूपी बीटीसी संघ के प्रदेश सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि डबल बेंच के आदेश से अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी, जोकि चार सालों से शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे हैं। उनकी नौकरी पर संकट है। सरकार से मांग है कि सभी चयनित शिक्षकों का कोई नुकसान न हो, इसके लिए उचित निर्णय लें।

शिक्षकों ने ये कहा 

शिक्षक अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि कई वर्षों की पढ़ाई के बाद शिक्षक भर्ती की परीक्षा दी, सूची में नाम आया और चार साल पहले ही नौकरी हासिल की। आरक्षण के हिसाब से अब नई सूची करने का आदेश दिया गया है। इससे नौकरी रहेगी या नहीं, चिंता बनी हुई है।



शिक्षक प्रतीक अवस्थी ने कहा कि शिक्षक बनने का सपना था, जो कि पूरा भी हुआ। नौकरी मिलने के बाद से ही मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। हाईकोर्ट ने सभी शिक्षकों के साथ न्याय करने की बात कहते हुई तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। उम्मीद है सभी शिक्षकों के हित की बात होगी।



शिक्षक नयन तिवारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया है कि अगर सूची में शिक्षकों का चयन नहीं होता है तो उन्हें 31 मार्च 2025 को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। इससे चिंता और भी बढ़ गई है। लो मेरिट वाले शिक्षकों को ज्यादा दिक्कतें होगी।