16 May 2025

26 जिलों के बीएसए को नोटिस, परस्पर तबादले में शिक्षकों के आवेदन सत्यापन न करने पर सख्ती

 *फतेहपुर समेत 26 जिलों के बीएसए को नोटिस, परस्पर तबादले में शिक्षकों के आवेदन सत्यापन न करने पर सख्ती*





यूपी में रायबरेली, फतेहपुर और सुल्तानपुर समेत 26 जिलों के बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। परस्पर तबादले में शिक्षकों के आवेदन सत्यापन न करने पर सख्ती की गई है। आवेदन सत्यापन के बाद आगे की प्रक्रिया के लिए आदेश जारी होगा। 



उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के लिए चल रही परस्पर तबादले की प्रक्रिया में रुचि न लेने वाले 26 जिलों के बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही शुक्रवार तक आवेदनों का शत-प्रतिशत सत्यापन भी करने का निर्देश दिया गया है ताकि तबादले की आगे की प्रक्रिया गति पकड़ सके।

शिक्षकों के परस्पर तबादले के लिए आवेदन की प्रक्रिया समाप्त हुई तो अब कई जिलों में बीएसए द्वारा आवेदनों का सत्यापन कराकर जिला कमेटी की बैठक में इसकी संस्तुति नहीं कराई गई। इसकी वजह से एक बार फिर से सत्यापन की तिथि 16 मई तक बढ़ाई गई है।


इन जिलों के बीएसए को नोटिस जारी

इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने गोंडा, रायबरेली, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, वाराणसी, मिर्जापुर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, औरैया, बस्ती, चंदौली, इटावा, संतकबीरनगर, शामली, उन्नाव, आगरा, बलरामपुर, फतेहपुर, हाथरस, जौनपुर, कानपुर नगर, महराजगंज, संभल के बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा है कि आवेदनों की सत्यापन की तिथि 13 मई निर्धारित की गई थी, लेकिन आपके द्वारा इसे समय से पूरा नहीं किया गया।


इसकी वजह से आवेदन सत्यापन की तिथि बढ़ाई गई है। यह विभागीय कार्यों के प्रति शिथिलता है, जो किसी कीमत पर उचित नहीं है। इसलिए अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं कि किस वजह से ऑनलाइन सत्यापन की कार्यवाही समय से नहीं पूरी की गई। वहीं बढ़ाई गई तिथि के तहत सत्यापन की कार्यवाही हर हाल में पूरा करें। ताकि आगे की प्रक्रिया समय से पूरी की जा सके। 

विभाग को इसकी तिथि बढ़ानी पड़ेगी

निदेशक ने कहा कि बीएसए के द्वारा बताए गए कारण सही न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं तमाम सख्ती के बाद भी उन्नाव समेत कुछ जिलों में शिक्षकों के आवेदन का सत्यापन देर शाम तक नहीं हो सका था। ऐसे में एक बार फिर विभाग को इसकी तिथि बढ़ानी पड़ेगी।