उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। कार्यवाहक अध्यक्ष राम सुचित से कार्यभार लेने के बाद उन्होंने सदस्यों और अधिकारियों से मुलाकात की। साथ ही लंबित चयन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी ली। शाम को मीडिया से मुलाकात में उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता शासन की मंशा के अनुरूप शुचितापूर्वक भर्ती करना है। अभ्यर्थियों का मेरिट पर चयन होगा और शुचिता से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिले।
शुचिता को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे। आयोग के कार्यों में पारदर्शिता रहेगी और जो भी लंबित भर्तियां हैं उन्हें जल्द से जल्द पूरा करेंगे। आयोग के समक्ष तात्कालिक समस्याओं का समाधान भी प्राथमिकता के आधार पर करेंगे। अन्य आयोगों की तरह चयन आयोग का भर्ती कैलेंडर भी जारी करेंगे ताकि अभ्यर्थियों को पता रहे कि कौन सी भर्ती कब होनी है। 29 और 30 जनवरी को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) के आयोजन को लेकर उन्होंने कहा कि सदस्यों के साथ बैठक करके इस पर कोई निर्णय लेंगे। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि उसे देखा जाएगा। विभिन्न विभागों से रिक्त पदों का ब्योरा ऑनलाइन माध्यम से लेने के लिए बन रहे पोर्टल के विषय में उन्होंने कहा कि पोर्टल की टेस्टिंग चल रही है।
अध्यक्ष ने एक्स पर सीएम का जताया आभार
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार ने एक्स पर यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। लिखा है कि-मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि शासन की नीतियों के अनुरूप शुचिता पर जीरो टॉलरेंस के साथ चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट-आधारित हो। भर्तियों को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाते हुए तकनीक-आधारित प्रक्रियाओं को मजबूती दी जाएगी, ताकि हर योग्य अभ्यर्थी को उसका न्यायोचित अवसर मिले। लक्ष्य केवल नियुक्ति नहीं-उत्तर प्रदेश के युवाओं के विश्वास और उनके स्वर्णिम भविष्य की गारंटी है।

