प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों एवं माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती में प्रतीक्षा सूची की व्यवस्था समाप्त करने से प्रतियोगी छात्रों में आक्रोश है। प्रतियोगी छात्र प्रतिनिधिमंडल के शीतला प्रसाद ओझा का कहना है कि प्रतीक्षा सूची समाप्त करना प्रतियोगी छात्रों के साथ अन्याय है, क्योंकि टीजीटी और पीजीटी की भर्तियों में चार से पांच वर्ष लग जाते हैं।
ऐसे में जरूरत है कि टीजीटी-पीजीटी की भर्तियों के लिए प्रतीक्षा सूची से संबंधित प्रावधान उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 2023 में जोड़ा जाए। अन्यथा की स्थिति में प्रतियोगी छात्र आयोग के खिलाफ बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे। प्रतीक्षा सूची से अधिकतम छात्रों को नौकरी पाने का रास्ता साफ होगा।

