अपात्र शिक्षक को एआरपी बना दिया


लखनऊ। बीएसए कार्यालय ने पांच साल का शिक्षण अनुभव पूरा न करने वाले शिक्षक को गणित विषय का एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) बना दिया है। प्राइमरी स्कूल खुलने पर इसकी जानकारी होने पर शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है।


शिक्षक नेताओं ने अर्हता पूरी न करने वाले एआरपी की नियुक्ति रद्द करने के लिए बीएसए से शिकायत की है। नेताओं का आरोप है कि बीएसए अनुभव पूरा न होने की वजह से इस शिक्षक का जनवरी में एआरपी का आवदेन निरस्त कर चुके हैं।

बीएसए ने 23 जून को छह एआरपी के तैनाती का आदेश जारी किया था। इसमें मोहनलालगंज के प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षा भूपेश ओझा को सरोजनीनगर ब्लॉक में गणित विषय का एआरपी का नाम शामिल है। जबकि नियमत एआरपी के लिए प्राथमिक व जूनियर में कम से कम पांच साल का शिक्षण का अनुभव पूरा होना चाहिए। एआरपी का उस ब्लॉक के स्कूलों के शिक्षकों को विषयगत प्रशिक्षण देने से लेकर निगरानी का होता है। भूपेश की नियुक्ति तारीख चार सितंबर 2018 को हुई थी। अभी पांच साल पूरे नहीं हुए हैं।


इसके बावजूद मोहनलालगंज के बीईओ मनीष कुमार सिंह भूपेश के एआरपी पद के आवेदन की संस्तुति कर दी। नेताओं का कहना है कि जब एक बार पहले आवेदन निरस्त किया जा चुका है, तो दोबारा बिना अनुभव पूरा हुए कैसे तैनाती दे दी?



यदि शिक्षक द्वारा एआरपी के आवेदन में कोई तथ्य छुपाएं हैं। मामले की जांच करायी जाएगी। मानक पूरे न होने पर नियुक्ति निरस्त की जाएगी।
अरुण कुमार, बीएसए