वसूली का मामला: डीसी एमडीएम व तत्कालीन बीएसए की संलिप्तता


अमेठी : शिक्षकों के असाध्य रोग प्रमाण पत्र पर सीएमओ के प्रति हस्ताक्षर कराने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। सत्यापन प्रति हस्ताक्षर फर्जी मिलने के बाद तत्कालीन बीएसए (मौजूदा बीएसए उन्नाव) द्वारा कार्रवाई का भय दिखाकर अवैध वसूली करने की बात सामने आ रही है।


परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों के न्ति स्थानांतरण की प्रक्रिया जून में पूरी की गई थी। जिले से 472 शिक्षकों ने र स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। भारांक का लाभ पाने के लिए 12 शिक्षकों ने असाध्य रोग का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। असाध्य रोग प्रमाण पत्र पर हुई प्रति हस्ताक्षर के सत्यापन में सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर होने की र पुष्टि हुई थी। इस पर बीएसए ने पांचों शिक्षकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। मामले में जब तत्कालीन बीएसए संगीता सिंह को पता चला कि विभाग में तैनात फीजियोथेरेपिस्ट संतोष कुमार सिंह ने प्रति हस्ताक्षर कराने के नाम पर शिक्षकों से मोटी रकम वसूल की है, तो वह फीजियोथेरेपिस्ट संतोष के खिलाफ एफआइआर कराने का भय दिखाकर उससे 56 हजार रुपये की अवैध वसूली की थी। पुलिसिया पूछताछ में यह भी पता चला है कि शिक्षक तैयब खां के असाध्य रोग प्रमाण पत्र पर सीएमओ के प्रति हस्ताक्षर कराने की जिम्मेदारी डीसी एमडीएम अरुण कुमार त्रिपाठी ने ली थी । प्रति हस्ताक्षर कराने के एवज में शिक्षक से 35 हजार रुपये लिया गया था। डीसी एमडीएम ने पैसा फीजियोथेरेपिस्ट को देकर असाध्य प्रमाण पत्र पर प्रति हस्ताक्षर करवाने को कहा था.

उधार लिए थे पैसे : डीसी एमडीएम अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि आवश्यकता पर फीजियोथेरेपिस्ट संतोष कुमार सिंह से 15 हजार रुपये उधार लिया था। जिसे तीन-चार दिन पहले वापस करने की बात कहीं।

गायब रहे डीसी एमडीएम, डीसी एमआईएस ने लिया अवकाश भ्रष्टाचार प्रकरण को संज्ञान में लेकर सीडीओ सान्या छाबड़ा ने फीजियोथेरेपिस्ट संतोष कुमार सिंह को गिरफ्तार करवा लिया था। गिरफ्तारी होने के बाद मंगलवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हड़कंप मच गया था। कथित तौर पर भ्रष्टाचार में संलिप्त डीसी अरुण कुमार त्रिपाठी बुधवार को बिना पूर्व सूचना के कार्यालय से गायब रहे। जबकि डीसी एमआईएस अनुरुद्ध शुक्ल ने पांच दिन का अवकाश ले लिया है।

जुटाए जा रहे साक्ष्य शिक्षकों से अवैध वसूली मामले में हुई एफआइआर के बाद विवेचना गौरीगंज सीओ मयंक द्विवेदी कर रहे हैं। सीओ ने बताया कि लगे आरोपों की सत्यता जांचने के लिए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।



कार्यालय में अनुपस्थित होने पर डीसी एमडीएम से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो फोन बंद था। वहीं डीसी एमआईएस ने प्रार्थना पत्र देकर मंगलवार को 10 जुलाई तक का अवकाश लिया है। कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्तता की पुष्टि होने के बाद दोषी कर्मियों की संविदा समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
संजय कुमार तिवारी, बीएसए