फर्जी प्रमाण पत्र मामले में प्रधानाध्यापक नपे, हुईं यह कार्यवाही


देवरिया। जिले के बनकटा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भठहीभाट के प्रधानाध्यापक आगरे नाथ तिवारी का प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाया गया है। वह किसी दूसरे व्यक्ति के शैक्षिक प्रमाण पत्र में हेराफेरी कर नौकरी कर रहे थे। विभागीय जांच में उनके प्रमाण पत्र कूटरचित ढंग से तैयार किए गए पाए गए हैं। बीएसए ने मंगलवार को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।


पिछले पांच साल में अब तक जनपद में फर्जीवाड़े में 70 शिक्षकों को सेवा से बाहर किया जा चुका है। मंगलवार को इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया। बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षक भर्तिेयों में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर हुई नियुक्तियों की जांच विभागीय के अलावा एसटीएफ के पास हुई शिकायतों के आधार पर कराया जा रहा है। मानव संपदा पोर्टल पर शैक्षिक प्रमाण पत्रों के अपलोड किए जाने के क्रम में दिसंबर वर्ष 2005 से बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक बने और वर्तमान में बनकटा के प्राथमिक विद्यालय प्रशिक्षण योग्यता के अभिलेखों को संदिग्ध पाए जाने पर इसका सत्यापन कराने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।






इसमें आगरे नाथ तिवारी के हाईस्कूल वर्ष 1983, जन्मतिथि, प्राप्तांक में भिन्नता, इंटर परीक्षा वर्ष 1985 संवर्ग, अनुक्रमांक एवं प्राप्तांक में भिन्नता, स्नातक परीक्षा वर्ष 1987 में सवर्ग, अनुक्रमांक तथा प्राप्तांक में भिन्नता तथा शिक्षा स्नातक बीएड वर्ष 1990 के प्राप्तांक में भिन्नता मिली। संबंधित विद्यालयों व संस्थाओं के प्रधानाचार्य, प्राचार्य ने भी इसकी पुष्टि कर दी। ऐसे में छह जुलाई 2022 को संबंधित शिक्षक को नोटिस जारी की गई थी। शिक्षक की ओर से साक्ष्य के साथ जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

शिकायत के बाद बनकटा के शिक्षक आगरे नाथ तिवारी के हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व बीएड के शैक्षिक प्रमाण पत्र की जांच पिछले साल से ही कराई जा रही थी। विभागीय सत्यापन प्रक्रिया में संबंधित विद्यालयों, कॉलेज व विश्वविद्यालय ने यह पुष्टि की है कि इनके प्रमाण पत्रों के अनुक्रमांक में किसी अन्य का नाम है। शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है तथा बनकटा के बीईओ को उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। -शालिनी श्रीवास्तव, बीएसए