बेसिक शिक्षा: इस सरकारी विद्यालय में प्रवेश के लिए रहती वेटिंग


 सरकारी विद्यालय की चर्चा होते ही मन में जर्जर भवन और अनुपस्थित शिक्षक की छवि मन-मस्तिष्क में उभरती है। इनमें कुछ सुधार की कहानियां तो हम पढ़ते रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का एक सरकारी विद्यालय सुशिक्षित समाज की संकल्पना को साकार करने में आदर्श बनकर उभरा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर माहौल और विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की सुविधाओं के कारण एलमपुर गांव के पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए होड़ रहती है। नेताओं व अधिकारियों के सिफारिशी पत्र भी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिला पाते। इसका श्रेय प्रधानाचार्य वीरेंद्र सिंह व शिक्षकों के दस वर्ष के प्रयासों को है। चार सौ से एक हजार हुए विद्यार्थी: इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या अब एक हजार पार कर गई है। यह संख्या नौ वर्ष पहले चार सौ थी। यह वृद्धि दर्शाती है कि विद्यालय को श्रेष्ठ बनाने के प्रयास रंग लाए हैं। यह कक्षा एक से तीन तक के विद्यार्थियों के हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञानव गणित ज्ञान का आकलन वाले निपुण भारत मिशन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विद्यालयों में शामिल है। इसी आधार पर वर्ष 2022 में इसका पीएम श्री योजना में चयन हुआ। प्रवेश के लिए अभिभावक सिफारिश भी लाते हैं। इसके बाद भी हर वर्ष 50-60 बच्चों के अभिभावक निराश लौटते हैं। यह हाल है, जब पचास बच्चों का प्रवेश निर्धारित संख्या से अधिक किया जा रहा है।




खेल की भी बेहतर सुविधा

अलीगढ़ के पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय, एलमपुर में टेबल टेनिस हाल, बैडमिंटन व टेनिस कोर्ट भी हैं। वालीबाल, हैंडबाल, फुटबाल, क्रिकेट, ताइक्वांडो, बाक्सिंग, कबड्डी, भाला फेंक, गोला फेंक के अभ्यास की सुविधा भी है। अभिभावक निर्मला देवी कहती हैं कि मेरा बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ता है। यहां पढ़ाई व सुविधाओं को देखते हुए प्रवेश दिलाया। अभिभावक उमेश पाठक कहते हैं कि विद्यालय में पढ़ाई व खेल की बेहतर सुविधाएं हैं।

● पढ़ाई के साथ बच्चों के रचनात्मक विकास पर ध्यान देते हैं। अभिभावक सिफारिशें लेकर आते हैं, फिर भी सभी को दाखिला नहीं दे पाते। वीरेंद्र सिंह, प्रधानाध्यापक