जिले के 21 एडेड कॉलेजों में 98 शिक्षक सरप्लस, समिति करेगी समायोजन


प्रयागराज, संगमनगरी के 150 से अधिक सहायता प्राप्त बालक माध्यमिक विद्यालयों में से 21 में आवश्यकता से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। खास बात यह है कि जिन स्कूलों में शिक्षक सरप्लस हैं उनमें अधिकांश शहरी क्षेत्र में हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव के निर्देश पर छात्र संख्या के अनुपात में गणना की गई तो 21 स्कूलों में सरप्लस शिक्षक मिले। अब इन्हें दूसरे स्कूलों में समायोजित करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह की ओर से रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई है।



रिपोर्ट के मुताबिक केपी जायसवाल इंटर कॉलेज में सर्वाधिक 13 शिक्षक सरप्लस हैं। इलाहाबाद इंटर कॉलेज में 12 शिक्षक आवश्यकता से अधिक हैं। यमुनापार के लाल राम अग्रवाल इंटर कॉलेज सिरसा में दस शिक्षक सरप्लस चिह्नित हुए हैं। सीएवी इंटर कॉलेज में आठ तो सरस्वती देवी परमानंद सिन्हा इंटर कॉलेज सरस्वतीपुर में छह शिक्षक सरप्लस हैं। गांधी इंटर कॉलेज पटेलनगर झूंसी, ईश्वर शरण इंटर कॉलेज और मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज करछना में पांच-पांच शिक्षक अधिक हैं।

केपी इंटर कॉलेज, ब्वॉयज इंटर कॉलेज छिवकी व ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में चार-चार, सर्वार्य महाविद्यालय इंटर कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि इंटर कॉलेज न्यायीपुर, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन इंटर कॉलेज महेवा व सीताराम सिंह इंटर कॉलेज बाबूगंज में तीन-तीन, सरयू प्रसाद सिंह इंटर कॉलेज आमीपुर, अग्रसेन इंटर कॉलेज लूकरगंज व श्रीरणजीत पंडित इंटर कॉलेज नैनी व डॉ. कैलाशनाथ काटजू इटर कॉलेज में दो-दो जबकि शारदा देवी इंकॉलेज नौड़िया तरहार व कुलभाष्कर आश्रम इंकॉ में एक-एक शिक्षक सरप्लस हैं।




जिले के 21 एडेड कॉलेजों में 98 शिक्षक सरप्लस
जेडी की अध्यक्षता में बनी समिति करेगी समायोजन

माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से 10 जनवरी को जारी शासनादेश में सरप्लस शिक्षकों के समायोजन के लिए मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। मंडलीय उप शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक को सदस्य नामित किया गया है।

● शहरी क्षेत्र के स्कूलों में हैं सर्वाधिक सरप्लस शिक्षक, शासन के निर्देश पर जल्द होगा समायोजन

राजकीय इंटर कॉलेज में भी 19 शिक्षक हैं सरप्लस

जिले में 35 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एकमात्र राजकीय इंटर कॉलेज में 19 शिक्षक सरप्लस हैं। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है जबकि जिला मुख्यालय में सिफारिश लगाकर आवश्यकता से अधिक जमे हुए हैं। अल्पसंख्यक विद्यालय में सरप्लस का नियम नही हैं।