07 May 2025

आईटीआर-2 फॉर्म में बड़े बदलाव

 नई दिल्ली, । आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आईटीआर-2 फॉर्म भी जारी कर दिया है। इस फॉर्म में इस बार कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं, जिसका फायदा सीधे करदाताओं को होगा।



इन बदलावों के अनुसार, पहले अगर करदाता की सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक होती थी, तो उसे आईटीआर में संपत्तियों और देनदारियों की पूरी जानकारी देनी होती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर एक करोड़ कर दी गई है। अब आईटीआर-2 में टीडीएस कटौती करने वाले की जानकारी नहीं, बल्कि यह भी जानकारी देनी होगी कि टीडीएस किस धारा के तहत कटा है। इससे आय और कटौती का सही मिलान करना आसान होगा। पूंजीगत लाभ की जानकारी देने वाले सेक्शन में दो बदलाव हुए हैं।

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अब करदाता को बताना होगा संपत्ति या निवेश की बिक्री 23 जुलाई 2024 से पहले हुई या उसके बाद। बिक्री की तारीख के हिसाब से कर की दर तय होगी।


विभाग ने आईटीआर-1, 3, 4 और 5 फॉर्म पहले ही अधिसूचित कर दिए हैं। विशेषज्ञों ने करदाताओं को सलाह दी है कि वे अपने दस्तावेज जैसे फॉर्म-16, फॉर्म 26एएस, एआईएस, बैंक स्टेटमेंट और निवेश प्रमाण पहले से तैयार रखें। अपनी बैंक जानकारी को अपडेट और सत्यापित करें ताकि रिफंड में देरी न हो।

विदेशी संपत्ति का विस्तृत खुलासा करना होगा

आईटीआर-2 में विदेशी संपत्ति और विदेशी स्रोतों से आय की जानकारी विस्तार से देनी होगी। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी के हर लेन-देन को शेड्यूल वीडीएफ में दर्ज करना होगा। इन पर 30% टैक्स लगेगा। वहीं, बायबैक पर पूंजीगत हानि का लाभ


1 अक्टूबर 2024 के बाद अगर किसी शेयर की पुनर्खरीद होती है और करदाता उस पर लाभांश आय दिखाता है, तो अब वह उससे होने वाले पूंजीगत नुकसान को भी दिखा सकता है। पहले यह विकल्प नहीं था।