उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य को एक और विश्वविद्यालय का तोहफा दिया है। पूर्वांचल के भदोही जिले में स्थित काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को अब विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन किया जाएगा, जिसके बाद काशी नरेश विश्वविद्यालय के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।
भदोही में विश्वविद्यालय की स्थापना से न केवल जिले के छात्रों को बल्कि आसपास के जनपदों के युवाओं को भी उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। फिलहाल भदोही में कोई विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिए यह कदम क्षेत्र के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
प्रस्तावित संशोधन के तहत अधिनियम की धारा 4, धारा 50, धारा 52 और अनुसूची में परिवर्तन किए जाएंगे ताकि विश्वविद्यालय का औपचारिक गठन किया जा सके। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के युवाओं को अपने ही जिले में उच्च शिक्षा का अवसर देना है। इससे छात्रों का महानगरों की ओर पलायन रुकेगा और स्थानीय स्तर पर शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि काशी नरेश विश्वविद्यालय भदोही के गठन से पूर्वांचल में उच्च शिक्षा के नए अध्याय की शुरुआत होगी। यह संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास के क्षेत्र में भी नई दिशा देगा।
योगी सरकार राज्यभर में गुणवत्तापूर्ण, रोजगारमुखी और सुलभ उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। नए विश्वविद्यालयों की स्थापना, कॉलेजों को स्वायत्तता देने और अनुसंधान आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करने जैसे प्रयासों से प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बना रहा है।
योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि काशी नरेश विश्वविद्यालय की स्थापना भदोही सहित पूरे पूर्वांचल के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसमें शिक्षा को सामाजिक और आर्थिक प्रगति की आधारशिला माना गया है।

