टीचर BLO की ड्यूटी पर ,स्टूडेंट कैसे बनेंगे निपुण🤔🤔🤔
लखनऊः बेसिक स्कूलों में पहले चरण का निपुण असेस्मेंट टेस्ट 4 दिसंबर से होना है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने आदेश जारी कर दिया है। समस्या यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग के लगभग 3 हजार शिक्षक बीएलओ ड्यूटी पर लगाए गए है। कई स्कूलों में पढ़ाई लिखाई बाधित है, ऐसे में असेस्मेंट में बच्चे 75 फीसदी सवालों के सही जवाब कैसे देंगे इस बात ने शिक्षकों की टेंशन बढ़ा दी है। पहले चरण में जिले में 1249 स्कूलों का असेस्मेंट होना है। आदेश के मुताबिक असेस्मेंट में भाषा और गणित में जब बच्चे 75 फीसदी सवालों का सही जवाब देंगे तभी उनको निपुण माना जाएगा। मोहनलालगंज के प्राथमिक विद्यालय बसंडा में 65 बच्चों पर दो अध्यापक है। दोनों अध्यापक बीएलओ ड्यूटी पर लगे है। बच्चों को पढ़ाने के लिए दोनों वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक-एक दिन छोड़कर ड्यूटी कर रहे है। एक शिक्षक के लिए कक्षा 1 से 5वीं तक के
बच्चों को पढ़ाना असुविधाजनक है। इसका साफ असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। 28 नवंबर से बच्चों की छमाही परीक्षाएं है, पहले शिक्षकों को परीक्षा की टेंशन थी, अब असेस्मेंट के लिए बच्चों को तैयार कैसे किया जाए
यह चिंता का विषय बना हुआ है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय भाजा खेड़ा में दो अध्यापक और 95 बच्चे है एक शिक्षक की ड्यूटी बीएलओ में लगी है। प्राथमिक विद्यालय अंधेमऊ की स्थिति भी कमोबेश यही है।
स्कूल में नहीं है शिक्षक बच्चे कैसे होंगे तैयार'
शिक्षक नेता वीरेंद्र सिंह का कहना है कि इस समय स्कूलों में पर्याप्त टीचर ड्यूटी नहीं कर रहे है। वह बीएलओ ड्यूटी पर है, बच्चो की उस तरह तैयारी नहीं हो पा रही है ऐसे में इस समय निपुण असेस्मेट कराना अव्यवहारिक है। इसके अलावा जो 1249 स्कूलों की सूची जारी हुई है उनमें 100 स्कूल काकोरी के है और माल के महज 10 से 12 स्कूलों की सूची जारी की है। सूची में वह स्कूल अधिक है जो पिछले साल निपुण हो चुके है, ऐसे में इस साल उन स्कूलो को पहले चरण में शामिल किया जाना था जो पिछले साल निपुण नहीं बन पाए थे। यह थोपी हुई प्रक्रिया है जो न शिक्षको के लिए सही है और न ही छात्रों के लिहाज से बेहतर है।

