अफसरों ने 'हैंग' कर दिया चयन वेतनमान
दस साल की संतोषजनक सेवा पर शिक्षकों को चयन वेतनमान का लाभ मिलने का नियम है। इसमें पदोन्नति के बिना वेतन और ग्रेड-पे बढ़ता है। शिक्षकों को झटपट यह लाभ दिलाने के लिए एक साल पहले पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई थी, लेकिन इसके बाद देरी का ग्राफ और बढ़ गया है। शिक्षक लगातार शिकायतें कर रहे है और आला अफसर चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) मंजूरी नहीं दे रहे। यही वजह है कि चयन वेतनमान के 73% मामले अब भी लंबित है। इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सबसे खराब प्रदर्शन वाले 25 जिलों के BSA को चेतावनी दी है।
दिसंबर 2024 से नई व्यवस्था
बेसिक शिक्षा विभाग ने चयन वेतनमान समेत शिक्षको के सेवा संबंधी पांच ऑनलाइन मॉड्यूल जारी किए थे। ये सभी काम ऑनलाइन शुरू करने के लिए 16 दिसंबर 2024 को आदेश भी जारी हुआ था, लेकिन इसके बाद सेवा संबंधी फाइलों की देरी और बढ़ गई है। सबसे ज्यादा शिकायते चयन वेतनमान से जुड़ी है। शिक्षको के बार-बार आवेदन पर भी चयन वेतनमान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही.
1902 में 1389 मामले पेंडिंग
शिकायतो पर समीक्षा की गई तो पता चला कि चयन वेतनमान निस्तारित करने की प्रक्रिया बेहद सुस्त है। इस पर डीजी स्कूल शिक्षा ने पांच नवंबर को सभी बीएसए को एक हफ्ते में सभी मामले निस्तारित करने के आदेश दिए थे। महानिदेशक ने दोबारा समीक्षा की तो सामने आया कि प्रदेश में चयन वेतनमान के 1902 में 1389 मामले अब भी लंबित है। इस मामले में शुक्रवार को फिर से ऑनलाइन समीक्षा होगी।
इन जिलों को चेतावनी
मऊ, चंदौली, हापुड़,
बदायूं, रामपुर, शामली, गोरखपुर,
सम्भल, बलिया,
कौशाम्बी, आगरा, हरदोई, अमेठी,
प्रयागराज, वाराणसी,
बांदा, कानपुर नगर,
मथुरा, अम्बेडकर नगर, मेरठ,
आजमगढ़, लखनऊ,
संत रविदास नगर,
सोनभद्र और एटा।

