प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की डिजिटल अटेंडेंस को लेकर की जा रही सख्ती को लेकर विरोध शुरू हो गया है। एक तरफ बेसिक शिक्षा विभाग हर दिन का डाटा जारी कर इसमें गति लाने के निर्देश दे रहा है तो दूसरी तरफ शिक्षकों ने इसके विरोध में शनिवार को प्रदेश भर में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। इसके माध्यम से उन्होंने इस निर्णय को निरस्त करने की मांग उठाई।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन कर शिक्षकों ने कहा कि जिलों में अटेंडेंस न अपलोड करने पर बीएसए शिक्षकों का वेतन रोकने व कार्यवाही करने का आदेश जारी कर रहे हैं। इससे शिक्षकों में काफी नाराजगी है। मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन में शिक्षकों ने इसकी व्यवहारिक दिक्कतें बताते हुए इसे स्थगित करने की मांग की है।
शिक्षकों ने कहा कि बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। ग्रामीण परिवेश में अक्सर नेटवर्क की समस्या रहती है। एक ही समय पर प्रदेश भर के बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी देने से ऐप के चलने में समस्या आती है। जूनियर हाई स्कूल की बालिकाओं की फोटो के साथ ऑनलाइन हाजिरी देना भी सही नहीं है। कभी-कभी मौसम खराब होने से बच्चों की उपस्थिति काफी कम भी हो जाती है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि पिछले साल शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी से आहत शिक्षकों ने व्यापक विरोध किया था। इसको देखते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ था कि समिति डिजिटल अटेंडेंस पर अपनी रिपोर्ट देगी तब तक ऑनलाइन हाजिरी को स्थगित रखा जाएगा। अभी तक उसकी किसी भी प्रकार की रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। इसके बाद भी डिजिटल अटेंडेंस पर दबाव बनाया जा रहा है।
