लखनऊ। प्रदेश के 33 जिलों में 14 से 22 दिसंबर तक पांच वर्ष तक की उम्र वाले 1.33 करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाया जाएगा। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। प्रदेश 15 वर्ष पहले ही पोलियो मुक्त हो चुका है। राज्य में आखिरी पोलियो का मामला 21 जनवरी 2010 को मुरादाबाद में मिला था, लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में अब भी पोलियो संक्रमण बना हुआ है। प्रदेश में दोबारा संक्रमण का खतरा न हो, इसलिए हर वर्ष चिन्हित जिलों में पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है।
केन्द्र सरकार की ओर से चयनित 33 जिलों में इस बार 1.33 करोड़ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान के तहत कुल 44726 पोलिंग बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद 22 दिसंबर तक 29360 टीमें और 10668 सुपरवाइजर घर-घर जाकर सभी पात्र बच्चों को दवा पिलाएंगे। घुमंतू, मलिन बस्तियों, ईंट-भट्ठों, बस-रेलवे स्टेशन और फैक्टरियों में रह रहे आवादी को पोलियो संक्रमण का प्रसार की दृष्टि से अधिक संवेदनशील माना जाता है। इसी कारण प्रदेश के 16194 घुमंतू एवं प्रवासी क्षेत्रों में 460,489 परिवारों को चिन्हित किया गया है। सीमा क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतते हुए नेपाल बॉर्डर पर 30 टीकाकरण पोस्ट स्थापित किए गए हैं, साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, इथियोपिया, अंगोला और इरिट्रिया जैसे पोलियो प्रभावित देशों से आने जाने वाले व्यक्तियों की सामूहिकता पोलियोमुक्त बनी रहे।
33 जिलों में 1.33 करोड़ बच्चों को पिलाई जाएगी दो बूंद जिंदगी की
नेपाल सीमा पर 30 टीकाकरण पोस्ट स्थापित
यहां चलेगा अभियान
आगरा, अंबेडकरनगर, अमेठी, अयोध्या, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, चंदौली, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, गाजियाबाद, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जौनपुर, कुशीनगर, ललितपुर, लखनऊ, महोबा, मऊ, मथुरा, मिर्जापुर, पीलीभीत, सोनभद्र, उन्नाव एवं वाराणसी।

