UPTET मामले में दावों की कश्ती पर सवार सरकारी मशीनरी फेल

UPTET जैसी बड़ी परीक्षा में अफसर केंद्रों पर नकल रोकने का प्रबंध करते रह गए और माफिया उसके पहले ही पर्चा पार कर ले गए। प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा कराने के लिए परीक्षा एजेंसी ने प्रश्नपत्र दो से तीन दिन पहले कोषागार में भेज दिए गए थे। रविवार को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए जाने के पहले ही प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। इससे परीक्षा एजेंसी से लेकर कोषागार के बीच की कड़ी संदेह के घेरे में आ गई है। 




इस परीक्षा को सुचितापूर्ण और नकल विहीन कराने के लिए बढ़े स्तर पर रणनीति बनाई गईं थी। इसके लिए परीक्षा संस्था उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी), शासन, प्रशासन, पुलिस ब शिक्षा विभाग के अधिकारी लगे हुए थे। मुख्य सचिब ने 22 नवंबर को सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी तथा पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने 25 नवंबर को प्रदेश के मंडल एबं जिला स्तर के अधिकारियों संग बीडियो कान्फ्रेंसिंग कर निर्देश देने के साथ की गई तैयारियों को परखा था. लाइव सीसीटीबी सर्बिलांस के माध्यम से प्रदेश के प्रत्येक परीक्षा केंद्रों की समस्त गतिविधियों को कंट्रोल रूम से सीधे देखने की व्यवस्था की गई थी। इस बड़े स्तर की तैयारी और दाबे पर नकल माफिया व जालसाज भारी पड़ गए। पूरी सरकारी मशीनरी और उसकी भारी भरकम व्यवस्था को इस कदर विफल कर दिया कि आयोजकों के पास पूरी परीक्षा को ही निरस्त करने के सिवाय दूसरा विकल्प ही नहीं रह गया था।