परिषदीय विद्यालयों में पहले ही दिन टैबलेट से उपस्थिति बनी चुनौती, कहीं सिम नहीं तो कहीं ग्रांट नहीं, 7 जनपदों में व्यवस्था लागू


बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की टैबलेट से आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की योजना पहले चरण में पहले ही दिन फेल हो गई। इसकी वजह ये रही है कहीं स्कूल के प्रधानाध्यपकों ने सिम नहीं खरीदा तो कहीं कंपोजिट ग्रांट खाते में बजट ही नहीं पहुंची है।



सोमवार से यह व्यवस्था सात जिलों में लागू कर दी गई है। इसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, उन्नाव व श्रावस्ती को शामिल किया गया है।

इन सभी जिलों में पहले दिन महज 10 प्रतिशत उपस्थिति टैबलेट के माध्यम से दर्ज हुई। वहीं अधिकांश विद्यालयों में टैबलेट ऑन ही नहीं हो सके। शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने टैबलेट दे दिए हैं लेकिन उसमें सिम और डेटा की व्यवस्था नहीं की है।


ऐसे में कंपोजिट ग्रांट से व्यवस्था करने के लिए कहा गया, लेकिन कंपोजिट ग्रांट न पहुंचने से दिक्कत हुई। वहीं सातो जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने कहा शासन का जो आदेश है उसका सख्ती से पालन कराया जायेगा।
1 दिसंबर से सभी जनपदों में लागू होगी व्यवस्था
शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया कि सभी जिलों में ये व्यवस्था 1 दिसंबर से लागू हो जायेगी। जिन 7 जिलों में टैबलेट से हाजिरी 20 नवंबर से लागू की गई है वहां पहले दिन की रिपोर्ट आ गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करायें। जहां लापरवाही होगी वहां कार्रवाई की भी निर्देश दिए गये हैं।