आजमगढ़। खुद को आईएएस और सूचना आयोग का अधिकारी बताकर यूपी के 150 ग्राम प्रधानों से ठगी के आरोपी पंकज यादव को आजमगढ़ की साइबर क्राइम पुलिस ने रविवार को चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया।
पंकज यादव अपनी तैनाती राजभवन सचिवालय और नाम हर्षवर्धन सिंह राठौर (आईएएस) बताता था। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन और 3200 रुपये नकद बरामद किए हैं। पंकज यादव बाराबंकी के असंद्रा थाना क्षेत्र के नाथूपुर सूरजपुर रामसनेही घाट का निवासी है।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि 26 अक्तूबर 2024 को मुबारकपुर थाना क्षेत्र के गोछा गांव के प्रधान पति मो. आरिफ खान ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उनके साथ राजभवन के सचिव हर्षवर्धन सिंह राठौर के नाम पर एक व्यक्ति ने 8.26 लाख रुपये की ठगी की है
पंकज की गिरफ्तारी के लिए उसके घर पर दबिश दी गई लेकिन वह नहीं मिला। पंकज कई राज्यों में जगह बदल-बदल कर रह रहा था। पुलिस ने उसकी लोकेशन पर नजर बनाए रखी।
लोकेशन के आधार पर ही पुलिस ने रविवार को चित्रकूट से उसे गिरफ्तार किया। आरोपी ने सोनभद्र, आजमगढ़, अमेठी व बाराबंकी समेत अन्य जनपदों में 150 ग्राम प्रधानों से ठगी की है।
जांच के नाम पर धमकाकर वसूलता था रकम
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में आरोपी पंकज ने जानकारी दी है। उसने बताया कि एनआईसी की वेबसाइट से ग्राम प्रधानों और पूर्व प्रधानों की जानकारी जुटाता था। इसके बाद वह खुद को सूचना आयोग या राजभवन सचिवालय का अधिकारी बताकर प्रधानों को फोन करता और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के नाम पर धमकाकर रकम वसूलता था। सरकारी टैक्स या निधियों की फर्जी जांच के नाम पर वह प्रधानों को गुमराह करता और अपने बताए
खातों में रकम ट्रांसफर करवाता था। 2024 में उसने आजमगढ़ जिले के गोछा गांव के प्रधान पति मो. आरिफ को इसी तरीके से ठगी का शिकार बनाया था। खुद को राजभवन का सचिव बताकर उसने आरिफ से ठगी की थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी पंकज यादव लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। खुद के मरने की अफवाह फैला दी। उसने मौत की फर्जी तस्वीरें बनाकर परिजनों और जान-पहचान वालों के साथ-साथ पुलिस को भी भेज दी लेकिन पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस और सटीक लोकेशन के आधार पर उसे चित्रकूट जिले से दबोच लिया