सोनभद्र में तीन शिक्षिकाओं का निलंबन, सोशल मीडिया पोस्ट और कार्यालय में नारेबाजी का आरोप
सोनभद्र। जिले में तीन महिला शिक्षिकाओं को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इसमें एक प्रधानाध्यापक और दो सहायक अध्यापिका शामिल हैं। आरोप है कि ये शिक्षिकाएं बीएसए कार्यालय में नारेबाजी करने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर विवादास्पद वीडियो और पोस्ट भी कर रही थीं, जिससे शिक्षा विभाग की गरिमा प्रभावित हुई।
मूल रूप से यह घटना 22 अगस्त की है, जब लगभग 15 महिला शिक्षिकाओं के एक समूह ने बीएसए कार्यालय पहुंच कर अनुशासनहीनता की। इसमें शामिल तीन शिक्षिकाओं, कौशर जहां सिद्दकी, वर्षा वर्मा और सोनाली मजूमदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सभी को पास के विद्यालयों से अस्थायी रूप से अटैच किया गया है, साथ ही चोपन बीईओ को इस मामले की जांच करने का आदेश भी दिया गया है, जिसमें रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर देनी होगी।
यह कदम इस बात का संकेत है कि प्रशासन स्कूल शिक्षकों के अनुशासन और सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामलों को गंभीरता से ले रहा है। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि शिक्षक समाज को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अनुशासनपूर्वक कार्य करना होगा।
स्थानीय लोगों व शैक्षणिक समुदाय ने प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को आचार संहिता का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है, जिससे सामाजिक सौहार्द और संस्थागत सम्मान बना रहे।
यह मामला उस पृष्ठभूमि पर सामने आया है, जब शिक्षकों के अधिकारों और कर्तव्यों को लेकर जिले में कई बार चर्चा होती रही है। साथ ही, सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों और अनुचित व्यवहार पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।