इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता भर्ती–2025 में आयुसीमा की छूट की मांग में दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने आशा देवी व 19 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचियों की ओर से अधिवक्ता हनुमान किंकर ने दलील दी कि यह भर्ती लंबे समय के बाद आई है। आयोग ने 2021 में विज्ञापन जारी करने की सूचना दी थी लेकिन समकक्ष योग्यता व अर्हता विवाद के कारण मामला अटक गया। ऐसे में वर्षों से तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को आयुसीमा में कम से कम पांच वर्ष की छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि हाल ही में सिपाही व दरोगा भर्ती में आयुसीमा की छूट दी गई थी और नैनीताल हाईकोर्ट ने भी सुरेन्द्र सिंह व अन्य के मामले में इसी प्रकार आयोग को निर्देश दिया था। कोर्ट को बताया गया कि प्रतियोगियों ने आयोग को ज्ञापन सौंपा था लेकिन कोई निर्णय न होने पर उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस संबंध में युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि सरकार या तो नियमित भर्ती सुनिश्चित करे या आयुसीमा में छूट देकर अभ्यर्थियों को मौका प्रदान करे।

