बिहार के बाद देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद मंगलवार से शुरू होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को एसआईआर के दूसरे चरण का ऐलान किया। वहीं, आयोग के निर्णय पर सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने फिर आस्तीनें चढ़ा ली हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार ने बताया कि दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश राजस्थान, तमिलनाडु, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एसआईआर कराया जाएगा। इसमें 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। आयोग के निर्देशानुसार, एसआईआर वाले राज्यों में सोमवार आधी रात से मतदाता सूचियां फ्रीज कर दी गईं। यानी अब एसआईआर का काम पूरा होने से पहले इन जगहों की सूची में कोई नया नाम काटा या जोड़ा नहीं जाएगा।
इन राज्यों में अगले वर्ष चुनाव: इन राज्यों में से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं। हालांकि, असम में एसआईआर का ऐलान अलग से होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, मौजूदा एसआईआर स्वतंत्रता के बाद से ऐसी नौवीं कवायद होगी। इससे पहले 2002-04 में एसआईआर हुआ था।
विरोध में उतरा विपक्ष : कांग्रेस ने एसआईआर के ऐलान को लेकर चुनाव आयोग की नीयत पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा कि एसआईआर को लेकर विपक्ष और मतदाता दोनों संतुष्ट नहीं हैं। बिहार में एसआईआर से जुड़े सवालों के जवाब हमें अब तक नहीं मिले हैं। हालात ये थे कि सुप्रीम कोर्ट को आगे आना पड़ा। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निर्वाचन आयोग को एसआईआर में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए,पहले बिहार में चुनाव हो जाने देने चाहिए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आशंका जताई कि एसआईआर के जरिए पात्र मतदाताओं के नाम हटाने के प्रयास किए जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल में माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि पार्टी हर मतदान केंद्र पर बूथ-स्तरीय एजेंट तैनात करेगी। विपक्ष पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, वही पार्टियां जो एसआईआर को संविधान के खिलाफ बता रही हैं, वे कुछ राज्यों में पुनरीक्षण की मांग कर रही हैं।
नाम जोड़ने के लिए फार्म-6 भी रहेगा
आयोग ने कहा है कि दूसरे चरण में गणना प्रपत्र के साथ मतदाता सूची में पात्र लोगों के नाम जोड़ने के लिए फार्म-6 भी साथ-साथ लिए जाएंगे। बिहार में एसआईआर के दौरान सिर्फ गणना पत्र लिए गए थे और पात्र लोगों के नाम जोड़ने के लिए बाद में फार्म-6 लिए गए थे। आयोग ने एसआईआर के लिए अर्हता की तारीख एक नवंबर, 2025 तय की है।
नाम होने पर अतिरिक्त दस्तावेज जरूरी नहीं
मौजूदा मतदाता सूची में शामिल सभी मतदाताओं को बीएलओ यूनिक गणना प्रपत्र देंगे। इसके बाद मिलान किया जाएगा कि क्या उनके नाम 2003 की मतदाता सूची में थे। अगर हां, तो उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। यदि नाम नहीं है, बल्कि उनके माता-पिता के नाम 2003-04 की सूची में थे, तो भी उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देने होंगे।
पश्चिम बंगाल में दो सौ से ज्यादा अफसर बदले
कोलकाता। एसआईआर की घोषणा से ऐन पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को 200 से ज्यादा अफसरों के तबादले की अधिसूचना जारी की। यह हाल में एक बार में हुए सबसे बड़े तबादलों में से एक है।

