प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कार्य के लिए 1.62 लाख बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से एसआईआर की समय-सारिणी जारी किए जाने के बाद यूपी में काम तेज कर दिया गया है। यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली है। अब जिलों को जरूरी निर्देश भेजे जा रहे हैं।
बीएलओ घर-घर जाकर वोटर लिस्ट के एआईआर का कार्य करेंगे। एसआईआर में मतदाता सूची में शामिल ऐसे लोग जो एक स्थान से दूसरे स्थान चले गए हैं, जिनका दो-दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम है, किसी मतदाता की मृत्यु हो चुकी है या फिर गलती से मतदाता सूची में किसी विदेशी व्यक्ति का नाम शामिल हो गया है तो उसे हटाया जाएगा। त्रुटि रहित शुद्ध मतदाता सूची तैयार की जाएगी। बीएलओ के साथ ही प्रदेश में 2445 रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) व एईआरओ की तैनाती की गई है। सभी 75 जिलों में डीएम जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।
फिलहाल बीते दिनों चुनाव आयोग की ओर से बीते दिनों इससे संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। एक हजार मतदाता पर एक पोलिंग बूथ बनाया गया है। वहीं राजनीतिक दलों की ओर से 1.92 लाख बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) बनाए गए हैं। फिलहाल चुनाव आयोग वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2004 तक आठ बार एसआईआर कर चुका है। अब 21 वर्ष बाद फिर से एसआईआर किया जाएगा।
जिलाध्यक्षों की देखरेख में होगा काम
जिलाध्यक्षों की देखरेख में यह काम करेंगे और मतदाता सूची से जबरिया पार्टी समर्थितों का नाम न काटा जाए इस पर नजर रखेंगे। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 में विधानसभा का चुनाव होना है। सपा बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने में जुटी हुई है। इसीलिए पार्टी समर्थकों का नाम जुड़वाने के साथ बेजा नाम न काटा जाए इस पर ध्यान रखेंगे।
समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा देशभर में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत होने के साथ ही एसआईआर पीडीए प्रहरी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनका मुख्य काम बूथों स्तर पर मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम देखना होगा। ये यह भी देखेंगे कि कहीं किसी जायज मतदाता का नाम न काट दिया जाए। खासकर सपा समर्थित मतदाताओं के नामों को जुड़वाने और उसे बचाए रखने पर नजर रखेंगे। सपा मुखिया लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उनकी पार्टी के समर्थित मतदाताओं का नाम जानबूझ कर काटा जा रहा है। बिहार में एसआईआर के दौरान लाखों मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने पर विरोधी पार्टियों ने इसका जमकर विरोध किया। चुनाव आयोग ने देशभर में अब एसआईआर कराने की घोषणा कर दी है। इसको ध्यान में रखते हुए सपा ने बूथ स्तर पर एसआईआर पीडीए प्रहरी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

