27 November 2025

मिड डे मील में 11 करोड़ का घोटाला आया सामने, जिला समन्वयक सहित 44 पर FIR: ऐसे खुला मामला

 

बेसिक शिक्षा विभाग के मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) में 11 करोड़ का घोटाला सामने आया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार यह खेल वर्ष 2021 से 2025 के बीच हुआ है। बीएसए शुभम शुक्ल की तहरीर पर पुलिस ने जिला समन्वयक एमडीएम फिरोज अहमद खान समेत 44 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें तीन मदरसों के प्रधानाध्यापक, पांच ग्राम प्रधान व परिषदीय विद्यालयों के पांच प्रधानाध्यापक शामिल हैं।




ऐसे खुला मामला

कुछ विद्यालयों ने बीएसए से एमडीएम के कन्वर्जन कास्ट कम देने की शिकायत की। इसपर उन्होंने पीएफएमएस पोर्टल (भुगतान और प्राप्ति का लेखा-जोखा रखने वाली प्रणाली) पर दस्तावेज खंगाले, तो करीब 11 करोड़ का घोटाला सामने आया। बीएसए के अनुसार एमडीएम समन्वयक फिरोज की मदरसों और विद्यालयों से सांठगांठ मिली है। अभी तक तीन मदरसों और चार परिषदीय विद्यालयों की संलिप्तता मिली है। आरोपियों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है। इसके साथ ही सर्व शिक्षा व समग्र शिक्षा अभियान के कुछ अधिकारी भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे। एसपी विकास कुमार ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। जरूरत के अनुसार गिरफ्तारी भी की जाएगी। यह बड़ा मामला है।




नहीं लगी किसी को भनक 

बेसिक शिक्षा विभाग की मिड- डे मील (एमडीएम) योजना सीधे विद्यार्थियों से जुड़ी है। अधिकारियों के बगल ही बैठने वाला इसमें घोटाला करता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। स्थिति यह रही कि जिन मदरसों और विद्यालयों में विद्यार्थी ही नहीं थे या कम थे, उन्हें भी बजट जारी होता रहा। अधिकारी इसे जान ही नहीं पाए।


अभी तो जांच में सिर्फ एमडीएम के जिला समन्वयक फिरोज अहमद के साथ ही 44 लोगों का नाम सामने आया है, लेकिन जांच का दायरा बढ़ा तो यह संख्या 100 से पार जा सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार बिना अधिकारियों के मिलीभगत के यह संभव नहीं दिखता।


बीएसए ने अभी पोर्टल के माध्यम से जांच करके 11 करोड़ के घोटाले की पुष्टि की है। लेकिन यह खेल लंबा है। वर्ष 2008 से जिला समन्वयक फिरोज को तैनात बताया गया है, ऐसे में आशंका है कि एमडीएम के कनर्वजन कास्ट के साथ ही खाद्यान्न और दूसरे बजट में भी खेल हो सकता है। असल में बिना राशन खारिज किए कन्वर्जन कास्ट (प्रति छात्र आवंटित राशि) जारी नहीं हो सकता है।मामले की जांच अब पुलिस कर रही है, तो बड़े खुलासे की उम्मीद है। पुलिस के सूत्रों के अनुसार अभी 44 पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह संख्या 100 तक पहुंच सकती है।

 सुबह पूरे जिले में बाहर के टीम की आहट की चर्चा रही। सीमावर्ती क्षेत्रों में छापा और छह लोगों को उठाने की बात सामने आई। दोपहर तक कई तरह का संशय रहा, मंगलवार की रात करीब दो बजे से पुलिस अधीक्षक ने एक विशेष टीम बनाई। जिसने छापा डाल कर जिला समन्वयक समेत कुछ लोगों को पचपेड़वा और गैसड़ी क्षेत्र से उठाया। सुबह तक एटीएस और एसटीएफ की चर्चा रही। अधिकारियों से संपर्क करने पर पता चला कि एसपी की टीम ने जांच किया है। फिलहाल दोपहर में डीएम ने बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारी को बुलाकर रिपोर्ट देखी। इसके बाद एफआईआर के आदेश हुए, देरशाम तक एफआईआर को सार्वजनिक न करने पर जोर रहा। बताया जा रहा है कि पुलिस अभी गोपनीय जांच करने की तैयारी में थी। जिससे आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके। लेकिन शाम तक एफआईआर जारी हो गई।


अधिकारियों ने की लापरवाही

सेवानिवृत्त सहायक शिक्षा निदेशक फतेह बहादुर सिंह ने कहाकि एमडीएम केंद्र की सबसे गंभीर योजना है। इसमें बजट जारी करने से पहले विद्यालयों से उपभोग लिया जाता है। हर साल 30 सितंबर की छात्र संख्या के आधार पर बजट जारी होता है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की स्वीकृति पर ही बजट विद्यालयों को जारी होता है। हर दिन एमडीएम की मोबाइल कॉल के जरिए स्थिति ली जाती है। हर साल बजट के खर्च की ऑडिट होती है। इसके बाद भी पांच वर्ष से घपला हो रहा था तो विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय ही होगी। एमडीएम योजना में इस तरह का घपला गंभीर मामला है। जिसकी निगरानी के लिए हर स्तर पर टीम बनी है।


रिपोर्ट दर्ज कर हर स्तर से की जा रही जांच

एमडीएम घपले की रिपोर्ट दर्ज कर हर स्तर से जांच की जा रही है। अभी लोगों को पूछताछ किया जा रहा है। जल्द ही मामले में बड़ा खुलासा होगा।- विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक