19 August 2025

12 साल से भर्ती नहीं, कोर्ट पहुंचे शिक्षक

प्रयागराज। प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 12 साल से प्रधानाचार्यों की भर्ती न होने पर अब शिक्षकों ने ही मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को प्रधानाचार्य भर्ती का विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया जाए।


इस मामले की सुनवाई चार सितंबर को होनी है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एडेड कॉलेजों में प्रधानाचार्यों के पदों पर लंबे समय से भर्ती नहीं हुई है। इसके चलते पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। लिहाजा आयोग को निश्चित समय में रिक्त पदों को भरने के आदेश दिए जाएं।


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632 पदों के लिए 2013 में आया था विज्ञापन

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रधानाचार्य के 632 पदों पर भर्ती के लिए 2013 के अंत में विज्ञापन जारी किया था और फरवरी 2014 तक आवेदन लिए गए थे। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद चयन बोर्ड ने 11 से 13 नवंबर 2022 के बीच 632 में से 581 पदों का परिणाम घोषित किया था। सभी चयनित प्रधानाचार्य कार्यभार ग्रहण भी नहीं कर सके थे कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रक्रिया में नौ साल का समय लगने पर भर्ती निरस्त कर दी थी।

बदल गया तदर्थ प्रधानाचार्य का नियम

प्रधानाचार्यों की भर्ती न होने पर तदर्थ प्रधानाचार्य की नियुक्ति का नियम बदल गया है। पहले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चयन न करने पर प्रबंधन वरिष्ठतम शिक्षक को तदर्थ प्रधानाचार्य का पदभार ग्रहण करवाते थे। दो महीने बाद उन्हें नियमित के बराबर वेतन मिलने लगता था। अब नए आयोग को नियुक्ति की जिम्मेदारी मिलने के बाद यह नियम समाप्त हो गया है।


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