एडेड शिक्षकों के तबादले में भी लागू होगा आरक्षण


लखनऊ: अब माध्यमिक एडेड कॉलेजों के शिक्षकों के तबादलों में भी आरक्षण लागू किया जाएगा। तबादलों के आवेदन ऑनलाइन होंगे। विद्यालय प्रबंधतंत्र को सभी श्रेणियों में आरक्षण के अनुसार खाली पदों का ब्योरा अपलोड करना होगा। प्रदेश सरकार ने तबादला प्रक्रिया में बदलाव के लिए इंटरमीडिएट ऐक्ट-1921 में कई संशोधन किए हैं।


पिछले साल से एडेड शिक्षकों के तबादले ऑनलाइन किए जाने की कवायद चल रही है। इस संबंध में एक नीति बनाई भी गई, लेकिन उसमें कुछ बिंदुओं पर आपत्ति के कारण तबादले अटके रहे। तबादले न होने के कारण कुछ लोग कोर्ट भी गए थे। इसे देखते हुए इस साल ऑफलाइन तबादले किए गए। अब आगे से ऑनलाइन तबादलों के लिए अधिनियम में संशोधन किए गए हैं। ऐक्ट में संशोधन का आदेश अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जारी कर दिया है।

विशेष परिस्थितियों में ऑफलाइन तबादला : ऐक्ट में हुए संशोधन के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर तबादलों के लिए आवेदन ऑनलाइन ही किए जा सकेंगे। सबसे पहले प्रबंधतंत्र को खाली पदों का ब्योरा ऑनलाइन अपलोड करना होगा। इसमें प्रिंसिपल के पद को छोड़कर बाकी शिक्षकों के पदों का ब्योरा देना होगा। उसके बाद तय समयसीमा में तबादला आवेदनों का डीआईओएस और फिर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को परीक्षण करके ब्योरा फॉरवर्ड करना होगा। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक परीक्षण करके तय समय में मेरिट तैयार करके तबादला आदेश जारी करेंगे। विशेष परिस्थितियों में ही राज्य सरकार के आदेश से अपर निदेशक ऑफलाइन तबादला आदेश कर सकेंगे।

महत्वाकांक्षी जिलों से तबादले नहीं प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों सोनभद्र, चंदौली, बहराइच, श्रावस्ती बलरामपुर, फतेहपुर, चित्रकूट और सिद्धार्थ नगर का कोई शिक्षक तबादलों के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा। यहां से सिर्फ म्युचुअल ट्रांसफर हो सकेंगे।


ऑनलाइन व्यवस्था से क्या पड़ेगा असर

एडेड कॉलेजों में शिक्षकों का नियुक्ति प्राधिकारी प्रबंधतंत्र होता है। ऐसे में उनके दिए गए ब्योरे पर ही शासन को निर्भर रहना होता है। तबादले ऑफलाइन होने से आनन- फानन प्रबंधतंत्र जो रिक्तियां दिखा देता है, उसी आधार पर शिक्षकों के तबादले भी हो जाते हैं। कई बार तय संख्या से ज्यादा शिक्षक भी विद्यालयों में पहुंच जाते हैं और कहीं पर जरूरत भर के शिक्षक नहीं होते। प्रबंधतंत्रों की इस मनमानी को रोकने के लिए ही सरकार ने ऑनलाइन व्यवस्था की है। पहले से रिक्तियों का ब्योरा रहेगा। इसे हर स्तर पर जांचा जाएगा। छात्र संख्या के आधार पर जहां जितनी जरूरत है, उतने शिक्षक भेजे जाएंगे। प्रबंधतंत्र पर अपने चहेतों को भर लेते हैं और जाति विशेष के शिक्षक या अपने सगे संबंधियों के वर्चस्व जैसी शिकायतें भी आती हैं। इसी को देखते हुए तय संख्या में और आरक्षण के आधार पर शिक्षकों के तबादले करने की मंशा से ही ये संशोधन किए गए हैं। इससे शिक्षकों के तबादले भी तय समय सीमा में हो सकेंगे।



छात्र संख्या होगा आधार

नई तबादला प्रक्रिया के अनुसार छात्र संख्या के आधार पर ही तबादले किए जाएंगे जहां कम छात्र हैं, वहां तबादले नहीं किए जा सकेंगे। यह शर्त भी रहेगी कि किसी भी संस्था से 20% से अधिक तबादले न हो। जिन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर किसी तरह का कोई विवाद है, उनका तबादला ऑनलाइन नहीं होगा।