लखनऊ। विभागीय हिलाहवाली के कारण बच्चों के स्कूल ड्रेस, जूते-मोजे का पैसा 32 दिन बाद भी खातों तक नहीं पहुंचा। नया सत्र शुरू एक़ माह से अधिक दिन बीतने के बाद भी बच्चों के माता-पिता के खातों में ड्रेस, जूते-मोजे और बैग के 1200 रुपये अभी तक नहीं पहुंचे हैं। यह पैसा सत्र शुरू होने से पहले या सत्र के शुरुआती दिन में भेजने का प्रावधान है ताकि बच्चे पहले दिन से नए ड्रेस, जूते-मोजे में आ सकें।
यह रकम कक्षा आठ तक के 1.92 करोड़ छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को देनी थी। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि एक अप्रैल से सत्र शुरू हुआ और मई का भी एक दिन बीत गया परन्तु रकम अभी तक छात्र-छात्राओं के माता-पिता के खाते में नहीं पहुंच सकी है। शिक्षकों की मानें तो सत्र शुरू होते ही जब बच्चे नए ड्रेस, जूते-मोजे व बैग लेकर स्कूल आते हैं तो उनके मन में उत्साह रहता है। इस 1200 रुपये में से 1100 रुपये दो सेट यूनिफार्म, एक स्वेटर, एक सेट जूत्ता मौजा, एक बैग व 100 रुपये स्टेशनरी के होते है। स्कूल ड्रेस नहीं होने से काफी बच्चे स्कूल आने में आनाकानी करते हैं। उन्होंने मांग की कि 15 मई तक हर हाल मे उक्त धनराशि अविभावकों के खाते में हस्तांतरित की जाय, ताकि परिषद के बच्चें भी नए यूनिफार्म में स्कूल आ सकें।