चहनियाँ, चंदौली। सोमवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के नेतृत्व मैं उत्तर प्रदेश के 75 जिलों सहित देश के सभी जिलों में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 को जो आदेश दिया गया, उसके विरोध में पूरे देश के सभी जनपदों में 15 सितंबर को प्रधानमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंप सुप्रीम कोर्ट के फैसले में संशोधित करने का आग्रह किया जाएगा। शुक्रवार को कैम्प ल कार्यालय मजीदहा में राष्ट्रीय शैक्षिक संघ बैठक में जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कहा कि यह फैसला देश के लगभग 15 से 20 लाख शिक्षको के नौकरी को प्रभावित कर रही है। यदि इसमे संसोधन नही होता है तो लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जायेगी ।
यह फैसला न्यायोचित नही है। कि क्योंकिं नियुक्ति हुई तब शिक्षक सारी अहर्ताओं को पूरा कर चयनित हुआ और बीच मे नियम बदलकर उसे हटाना कहीं से जनहित में नही है। बीच में खेल के नियम नही बदले जाते। जिला महामंत्री इम्तियाज खान ने कहा कि पूर्व में यह कार्यक्रम 12 सितम्बर को होना था लेकिन बाद में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बैठक कर निर्णय लिया कि यह पूरे देश का मामला है।
इसलिए देश के सभी जनपदों में इस काला कानून को वापस करने के लिए मा० प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन देकर आग्रह किया जाएगा। एबीआरएसएम के अध्यक्ष प्रो० नारायण लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मा० सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार रिव्यू में जाकर इस फैसले को बदलने का कार्य करे या लोकसभा में कानून में संसोधन कर देश के लगभग 20 लाख शिक्षकों के भविष्य को संरक्षित करने का कार्य करे ताकि लाखों शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो सके बैठक में इम्तियाज खान, फैयाज्ज अहमद, बीरेंद्र यादव, इश्वर चन्द त्रिपाठी, आदित्य रघुवंशी, धीरेन्द्र सिंह, अवधेश सिंह, नूर अख्तर, रीता पाण्डेय दीपक पाण्डेय, कालिंदी पाण्डेय, अमरेंद्र पाण्डेय, अभिषेक सिंह, प्रेमशंकर मिश्रा, अवधेश प्रताप सिंह यादव, सर्वेश नंदन त्रिपाठी, हरिशंकर मिश्रा, कृष्णनंदन मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

