बदायूं, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक सितंबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा के विषय में देश के बेसिक शिक्षकों के संबंध में दिए गये निर्णय का शिक्षकों द्वारा विरोध जारी है। उत्तर प्रदेश के जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया।
जिलाध्यक्ष प्रेमानंद शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों को जिनकी सेवा अवधि पांच वर्ष से अधिक है उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के आदेश दिए गये हैं जब उनकी नियुक्ति हुई थी तब वह नियुक्ति की अर्हता को पूर्ण कर चुके थे। प्रदेश में 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया जिसमें इससे पूर्व की नियुक्ति में टेट को अनिवार्य नहीं माना गया था, लेकिन इस आदेश में सभी शिक्षकों को जिन की सेवा अवधि पांच वर्ष से अधिक है टेट की अनिवार्यता घोषित की गई है, जिससे पूरा शिक्षक समाज सदमे में है।
कहा कि हम संघर्ष करेंगे और 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टेट से मुक्त करायेंगे। महामंत्री फरहत हुसैन, पीयूष कुमार, यतेंद्र कुमार सिंह, अकबर अली खान, राजन यादव, मोहम्मद जुबेर, भुवनेश गोबिल, जमीर अहमद, मोहम्मद विकार उद्दीन, मोहम्मद अयूब, करुणेश यादव, प्रीमेंद्र सिंह, अश्वनी सिंह तोमर,सोमदत्त शर्मा, अभिषेक चौहान, राजीव कुमार शर्मा, सुमन सक्सेना, शखी, शांति आदि मौजूद थे।

