तीन फर्जी शिक्षकों से 47 लाख रुपये की होगी वसूली


 
 संतकबीरनगर। साढ़े तीन साल पहले हुई जांच में धनघटा क्षेत्र के एक मदरसे में कार्यरत तीन शिक्षकों की नियुक्ति अवैध पाई गई श्री पांच सत्रों में वेतन मद का तीनों शिक्षकों ने करीब 47 लाख रुपये प्राप्त किया था। जांच के बाद प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया था।






इधर, शासन ने इन तीनों फर्जी शिक्षकों से गबन की गई रकम की वसूली के निर्देश दिए तो महकमा जाग गया। डीएम ने तीनों फर्जी शिक्षकों से रकम की वसूली के लिए आरसी जारी की है। इसमें दो फर्जी शिक्षक गोरखपुर और बस्ती के रहने वाले हैं। एक फर्जी शिक्षक संतकबीरनगर का निवासी है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि धनघटा तहसील क्षेत्र के रुस्तमपुर शनिचरा बाजार में मदरसा रिजविया अहले सुन्नत संचालित है।




जून 2012 में इस मदरसे में शिक्षक के पद पर रमवापुर पोस्ट कौड़ोकला जनपद बस्ती के रहने वाले मोहम्मद अहमद पुत्र फखरूल हसन, ग्राम मोहल्ला हाता नवाब सिकरीगंज गोरखपुर निवासी मोहम्मद वारिस अंसारी पुत्र अब्दुल मलिक और कड़नी रुस्तमपुर पोस्ट शनिचरा बाजार संतकबीरनगर निवासी अब्दुल्लाह पुत्र स्वर्गीय नूर मोहम्मद की नियुक्ति हुई थी।



तीनों शिक्षकों की नियुक्ति प्रबंधतंत्र के माध्यम से हुई थी। रजिस्टार मदरसा शिक्षा परिषद से इन शिक्षकों का अनुमोदन हुआ था। इसके बाद तीनों शिक्षक वेतन का आहरण करने लगे। वर्ष 2019 में इनकी नियुक्ति गलत तरीके से होने की शिकायत हुई शासन स्तर से शिकायत की जांच के लिए आंबेडकरनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सिंह देव प्रताप सिंह को नामित किया गया।




जांच अधिकारी ने प्रकरण को जांच की। जांच में इन तीनों शिक्षकों की नियुक्ति अवैध पाई गई। प्रबंधतंत्र में जांच के दौरान बताया कि इन तीनों शिक्षकों की नियुक्ति पत्र पर उनके हस्ताक्षर



नहीं है। कूट रचित हस्ताक्षर कर गलत तरीके से शिक्षक पद पर नियुक्ति कराई गई है।



जांच में यह तथ्य सामने आया कि जून 2012 में वर्ष 2017 तक उक्त शिक्षकों ने वेतन का आहरण किया है। प्रकरण को लेकर संबंधित तीनों शिक्षक हाईकोर्ट भी गए, लेकिन राहत नहीं मिल पाई।




शासन के निर्देश पर कोषागार से पता किया गया तो जानकारी हुई कि मोहम्मद अहमद ने 17,11,212 रुपये, मोहम्मद वारिस अंसारी ने 13,16,114 रुपये और अब्दुल्लाह ने 17,11,212 रुपये का आहरण किया है डीएम प्रेमरंजन सिंह ने इन तीनों फर्जी शिक्षकों से गवन की गई 47,38,538 रुपये की वसूली कराए जाने के लिए आरसी जारी की है।