08 May 2025

स्कूल चेकिंग के दौरान विद्यालय में नहीं बनी मिली नामांकन सर्वे पंजिका

 

सीतापुर: नामांकन बढ़ाने के प्रयासों के बावजूद लापरवाही, सर्वे पंजिका न बनाने पर प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की चेतावनी

सीतापुर जिले के परिषदीय विद्यालयों में नामांकन की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इन प्रयासों को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने सख्त रुख अपनाया है। प्रधानाध्यापकों को गांवों में विस्तृत सर्वेक्षण कर नामांकन सर्वे पंजिका तैयार करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, ताकि विद्यालय जाने योग्य प्रत्येक बच्चे की पहचान की जा सके और उन्हें विद्यालय से जोड़ा जा सके।


हालांकि, जिला टास्क फोर्स द्वारा हाल ही में किए गए विद्यालयों के निरीक्षण में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि अधिकांश विद्यालयों में अभी तक यह महत्वपूर्ण सर्वे पंजिका तैयार ही नहीं की गई है। यह लापरवाही न केवल विभागीय निर्देशों की अवहेलना है, बल्कि नामांकन बढ़ाने के प्रयासों में भी एक बड़ी बाधा है।

बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को जब यह निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हुई, तो उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तत्काल प्रभाव से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के विद्यालयों का निरीक्षण करते समय अनिवार्य रूप से नामांकन सर्वे पंजिका की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

बीएसए ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि किसी भी विद्यालय में निरीक्षण के दौरान यह पंजिका अनुपस्थित पाई जाती है, तो इसे अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में, पूरे विद्यालय के स्टाफ की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। बीएसए का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि विभाग अब नामांकन बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और जो भी प्रधानाध्यापक या शिक्षक इस कार्य में उदासीनता दिखाएंगे, उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यह कदम निश्चित रूप से उन प्रधानाध्यापकों पर दबाव बनाएगा जो अभी तक इस महत्वपूर्ण कार्य को लेकर सुस्त रवैया अपनाए हुए थे। अब देखना यह है कि इस कड़ी चेतावनी के बाद विद्यालयों में नामांकन सर्वे पंजिका तैयार करने की प्रक्रिया में कितनी तेजी आती है और इसका नामांकन की संख्या पर क्या प्रभाव पड़ता है।