नई दिल्ली, । निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह समावेशी है, क्योंकि यह बिहार के मौजूदा 7,89,69,844 मतदाताओं तक पहुंच रही है।
विपक्ष ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर हमला तेज कर दिया है। उनका कहना है कि इससे करोड़ों मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी सोमवार को पुनरीक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति जताई थी। साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पुनरीक्षण करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत में संयुक्त याचिका दायर की है। कई दूसरी याचिकाएं भी दायर की गईं हैं।
आयोग के अधिकारियों का कहना है पुनरीक्षण की कवायद सर्व-समावेशी है क्योंकि यह मौजूदा 7,89,69,844 मतदाताओं तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि मतदाता का नाम, पता, पुरानी फोटो जैसे विवरणों के साथ पहले से भरे हुए गणना फॉर्म प्रत्येक मौजूदा मतदाता को उपलब्ध कराए जाते हैं। पहले से भरे गणना फॉर्म 7.69 करोड़ मतदाताओं को वितरित किए गए हैं।