इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को नीट (यूजी) 2025 की अभ्यर्थी अक्षिता सिंह की ओएमआर शीट की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा एवं न्यायमूर्ति डॉ योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अक्षिता सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। अक्षिता सिंह ने अपनी ओएमआर शीट में बुकलेट सीरीज़ नंबर गलत अंकित कर दिया था, जिससे उन्हें केवल 41 अंक प्राप्त हुए अक्षिता सिंह के वकील सुधांशु पांडेय ने कोर्ट को बताया कि याची ने नीट (यूजी) 2025 की ओएमआर शीट में सीरीज़ नंबर 46 अंकित कर दिया था जबकि उसने बुकलेट सीरीज़ नंबर 47 के अनुसार उत्तर दिए थे।
उन्होंने कहा कि याची की ओएमआर शीट का सही मूल्यांकन किया जाता है, तो याची को कुल 720 अंकों में से लगभग 589 अंक प्राप्त होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ओबीसी श्रेणी के लिए कट ऑफ अंक 530-540 के बीच है।
एनटीए के वकील ने कोर्ट को बताया कि ओएमआर शीट का मूल्यांकन पूरा हो चुका है और परीक्षा की रिपोर्ट भी जमा कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर कुंजी और ओएमआर शीट गत तीन जून को अपलोड की गई थीं और आपत्तियों के लिए तीन से पांच जून तक का समय दिया गया था। परिणाम गत 14 जून को प्रकाशित किए गए थे। ऐसे में पुनः जांच का कोई प्रावधान नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि याची की गलती जानबूझकर नहीं लगती है। वह केवल 20 वर्ष की है और मेडिकल डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षा दे रही थी, न कि किसी नौकरी के लिए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची की योग्यता का मूल्यांकन नहीं किया गया है क्योंकि उसकी गलती के कारण उसके उत्तरों को गलत बुकलेट श्रृंखला के अनुसार पहचाना गया।
कोर्ट ने एनटीए को 15 जुलाई तक अक्षिता सिंह की ओएमआर शीट की जांच बुकलेट नंबर 47 के अनुसार करने और परिणाम प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यदि रिपोर्ट से पता चलता है कि अक्षिता सिंह ने अपनी श्रेणी के लिए कट ऑफ अंकों से अधिक अंक प्राप्त किए होंगे, तो कोर्ट याचिका पर आगे विचार करेगी।