10 July 2025

साक्षात्कार में आगरा शिक्षा विभाग की सूची लगाने की आशंका,मैनपुरी के विद्यालय में सहायक अध्यापिकाओं की भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला


आगरा। मैनपुरी के कुंवर रामचंद्र सिंह लाल सिंह कन्या इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापिकाओं की नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े की जांच में जुटी विजिलेंस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। जिन आवेदिकाओं को साक्षात्कार के लिए बुलाना दर्शाया गया, उनमें से आधे से ज्यादा पहले से ही आगरा के अलग-अलग विद्यालयों में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। अब सवाल है कि जो डाटा विद्यालय में हुए साक्षात्कार के लिए विजिलेंस को उपलब्ध कराया गया,



वह कहां से आया। आशंका है कि फजीवाड़े के लिए आगरा के शिक्षा विभाग के डाटा का इस्तेमाल किया गया। इसकी पड़ताल के लिए अब विवेचक डीआईओएस आगरा के कार्यालय जाएंगे।


मैनपुरी के विद्यालय में हुई भर्ती के मामले में विजिलेंस आगरा सेक्टर के थाने में मंगलवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें कॉलेज के प्रबंधक बलवीर सिंह चौहान, प्रधानाचार्य कुसुम चौहान के अलावा प्रबंध समिति में दिखाए गए डॉ. प्रेमपाल शास्त्री, सत्य प्रकाश, सिद्धार्थ सिंह, तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र

प्रसाद यादव, भर्ती होने वाली सहायक अध्यापिका प्रीति कुमारी, तृप्ति भदौरिया, पूनम राठौर को नामजद किया गया है।


एसीपी विजिलेंस आलोक शर्मा ने बताया कि शिकायत मिलने पर विवेचक ने सबसे पहले प्रबंधक से साक्षात्कार में शामिल हुईं आवेदिकाओं की सूची मांगी थी। जो सूची उपलब्ध कराई गई, उसमें क्रमांक के साथ नाम, पते और हस्ताक्षर भी थे।


विवेचक ने सभी लोगों से बातचीत की लेकिन सभी ने यही बताया कि उन्होंने मैनपुरी के कॉलेज में कभी आवेदन नहीं

किया। साक्षात्कार के लिए न तो बुलाया गया और न ही वह खुद गईं।


ऐसे में सूची में उनका नाम कैसे आया, यह बड़ा सवाल है। लिस्ट में जिन लोगों के नाम और पते हैं, वह ठीक हैं। मगर, उन्होंने आवेदन नहीं किया। इनमें से आधे से ज्यादा पहले से ही शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। आशंका है कि फर्जीवाड़े के लिए सही लिस्ट ली गई। यह आगरा के शिक्षा विभाग से ही प्राप्त की गई या कहीं और से, अब इसकी जांच के लिए विवेचक डीआईओएस कार्यालय में जाकर पड़ताल करेंगे। केस से संबंधित सभी दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।