बुंदेलखंड के सात व सोनभद्र के दूर-दराज के छात्रों के लिए विद्यालय जाना अब कष्टकारी नहीं होगा। इन आठ जिलों में पांच किलोमीटर से अधिक दूरी से विद्यालय जाने वाले 9वीं से 12वीं के छात्रों को 6000 रुपये परिवहन भत्ता दिया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं दोनों को यह लाभ मिलेगा। जबकि पीएमश्री विद्यालयों में सिर्फ छात्राओं को यह दिया जाएगा।
बुंदेलखंड के सात जिलों जालौन, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, बांदा व चित्रकूट और सोनभद्र में पूरे प्रदेश की अपेक्षाकृत माध्यमिक विद्यालय दूर स्थित हैं। शिक्षा मंत्रालय की योजना के अनुसार हर पांच किलोमीटर की दूरी पर एक राजकीय माध्यमिक विद्यालय होना चाहिए। ऐसे में पांच किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर विद्यालय आने वाले छात्र-छात्राओं को छह हजार रुपये परिवहन भत्ता दिए जाने के लिए मंत्रालय ने बजट देने पर सहमति दी है।
समग्र शिक्षा के तहत बजट स्वीकृत होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे छात्रों या उनके अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी। पहले चरण में यह राशि दो भाग में भेजने की तैयारी है। क्योंकि इसके माध्यम से संबंधित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी 10 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए एक प्रोफार्मा तैयार किया गया है। छात्रों को इस योजना का लाभ पाने के लिए प्रोफार्मा भरकर देना होगा। इसमें वह यह बताएंगे कि उनके घर से पांच किलोमीटर के अंदर कोई राजकीय माध्यमिक विद्यालय नहीं है। इस प्रोफार्मा और घोषणा का ग्राम प्रधान और विद्यालय के प्रधानाचार्य से सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। शहरी क्षेत्र में पार्षदों से इसका सत्यापन कराया जाएगा।
24 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को मिलेगा लाभ
समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ विद्यार्थियों की आर्थिक मदद करना बल्कि उन्हें नियमित विद्यालय आने के लिए प्रेरित करना भी है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक आठ जिलों में लगभग 24 हजार छात्र-छात्रा इससे लाभांवित होंगे। वहीं 146 पीएमश्री विद्यालयों की 4000 छात्राएं भी प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि यह योजना छात्र-छात्राओं के ड्रॉप आउट दर को भी कम करने का काम करेगी।