03 October 2025

अब इन शिक्षिकाओं को भी 6 माह की मिलेगी मैटरनिटी लीव, योगी सरकार का तोहफा

 उत्तर प्रदेश के 403 सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और 570 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर पढ़ा रहीं शिक्षिकाओं को अब छह महीने (180 दिन) का मानदेय सहित मातृत्व अवकाश भी मिलेगा। प्रदेश सरकार ने चार साल बाद नवरात्र के अवसर पर संविदा शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश का तोहफा दिया है। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से 29 सितंबर को अवकाश में संशोधन संबंधी शासनादेश जारी हुआ है।




मानदेय पर नियुक्त संस्कृत शिक्षकों को अब तक वर्ष में अधिकतम 10 दिन का आकस्मिक अवकाश ही देय है। चेतावनी के बाद भी अनधिकृत उपस्थिति पाए जाने पर प्रबंधतंत्र की संस्तुति पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को कार्य समाप्ति का अधिकार है। उप शिक्षा निदेशक संस्कृत रामाज्ञा कुमार ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को संशोधित शासनादेश भेजते हुए अनुपालन के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में पूरे प्रदेश में एक हजार से अधिक संविदा शिक्षक कार्यरत हैं।



बेसिक शिक्षा विभाग में महिला शिक्षामित्रों और अंशकालिक अनुदेशकों को भी छह महीने का मानदेय सहित मातृत्व अवकाश देने का नियम है। इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को एक कैबिनेट फैसले में प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की थी। पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल) के शिक्षकों का मानदेय 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिमाह और उत्तर मध्यमा (इंटरमीडिएट) के शिक्षकों का मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रतिमाह कर किया था।



नियमित नियुक्ति न होने के कारण रखे गए थे संविदा शिक्षक

संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति न होने और स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित होने के कारण 2021 में संविदा पर शिक्षकों का चयन हुआ था। सरकार ने 13 मार्च 2018 को 2009 की नियमावली में संशोधन करते हुए सहायता प्राप्त माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दे दिया था। हालांकि चयन बोर्ड की नियमावली में संशोधन न होने के कारण भर्ती नहीं हो सकी। अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को जिन संस्थाओं में चयन का अधिकार दिया गया है उनमें एडेड संस्कृत विद्यालय शामिल नहीं है।