ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 के लिए भारत के तीन शिक्षकों को टॉप-50 में जगह मिली है. मेरठ, कश्मीर और देशभर के स्लम-ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के जरिए बदलाव लाने वाले ये शिक्षक 9 करोड़ रुपए के प्रतिष्ठित अवॉर्ड की दौड़ में हैं. जानिए कौन हैं ये तीन टीचर और क्यों है उनकी कहानी खास.
भारत के लिए शिक्षा के मोर्चे पर एक बड़ी और गर्व की खबर सामने आई है. दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षकों के सम्मान ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 के लिए भारत के तीन शिक्षकों को टॉप-50 में जगह मिली है. यह वही अवॉर्ड है जिसकी इनामी राशि करीब 9 करोड़ रुपए (1 मिलियन डॉलर) है और जिसे अकसर ‘शिक्षा का नोबेल’ भी कहा जाता है.
इस सम्मान के लिए चुने गए तीनों भारतीय शिक्षक सिर्फ क्लासरूम तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने शिक्षा को समाज बदलने का औजार बनाया है. कोई स्लम और गांवों में पढ़ा रहा है. कोई कश्मीर जैसे संघर्ष क्षेत्र में बच्चों को नई राह दिखा रहा है. तो कोई तकनीक, योग और कला के जरिए पढ़ाई को जिंदगी से जोड़ रहा है.

