दाखिल किए विवरण सही हैं तो न घबराएं
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे संदेश सभी करदाताओं को नहीं, बल्कि केवल चयनित मामलों में भेजे गए हैं। यदि किसी करदाता को पूरा भरोसा है कि उनकी रिटर्न सही है, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है और वे इस संदेश को नजरअंदाज भी कर सकते हैं। करदाता निर्धारित समयसीमा के भीतर संशोधित या विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिससे भविष्य में किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
नई दिल्ली, एजेंसी। कई करदाताओं को आयकर विभाग की ओर से भेजे गए लेनदेन से जुड़े ई-मेल और संदेशों को लेकर भ्रम को दूर करते हुए आयकर विभाग ने सफाई दी है।
विभाग ने कहा है कि यह संचार किसी तरह की जांच या दंडात्मक कार्रवाई का संकेत नहीं है, बल्कि करदाताओं को उनकी आयकर रिटर्न सही करने में मदद करने के उद्देश्य से भेजा जा रहा है। ये संदेश उन मामलों में भेजे गए हैं जहां करदाताओं द्वारा दाखिल आईटीआर और बैंकों, नियोक्ताओं या अन्य रिपोर्टिंग संस्थाओं से प्राप्त जानकारी के बीच अंतर पाया गया है। इसमें संपत्ति लेनदेन, शेयर-म्यूचुअल फंड निवेश, विदेशी संपत्ति या उच्च मूल्य के वित्तीय लेनदेन शामिल हो सकते हैं। विभाग का कहना है कि इसका मकसद करदाताओं को समय रहते वार्षिक सूचना स्टेटमेंट की जांच कर रिटर्न संशोधित करने का अवसर देना है।

